गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा
कार्तिक मास
दशुक्ल पक्ष की प्रतिपदा
होती है सम्पन्न
गोवर्धन पूजा,
प्रेम से करते हैं
गाय-बछड़े,भैंस और बैलों की पूजा
करते हैं टीका
रंगों से सजाते हैं उन्हें
करते हैं उनके लिए मंगल कामनाएँ
खिलाते उन्हें
उनके प्रिय खाद्य पदार्थ,
देवराज इंद्र को
अपनी शक्तियों पर अभिमान था
उसे चूर करने को
लीलाधारी कृष्ण ने रची थी लीला
गाएँ चरती हैं गोवर्धन पर्वत पर
वहाँ लगे पेड़-पौधों से
होती है वर्षा तो
क्यों न पूजा जाए इसे,
गोकुलवासी करने लगे पूजा
उधर इंद्र हुए कुपित
सात दिनों तक मूसलाधार वर्षा
कृष्ण ने छोटी अंगुली पर
उठा लिया गोवर्धन पर्वत
सारे गोकुलवासी सुरक्षित,
कृष्ण को पहचान
इंद्र ने माँगी क्षमा,
तभी से होने लगी गोवर्धन पूजा
जिसमें होती है विशेष
इसकी परिक्रमा,
घर के आँगन में
गोबर से बनता है गोवर्धन
परिक्रमा कर करते हैं सब
गोवर्धन पूजा साथ ही
मनाते अन्नकूट महोत्सव
मथुरा में स्थित
गोवर्धन पर्वत
पूजा दिवस पर
आते दूर-दूर से श्रद्धालु
करते हैं श्रद्धा से पूजा/परिक्रमा
#डॉभारतीवर्माबौड़ाई