“ गोलू का जन्म दिन “ ( व्यंग )
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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मालिक !
आप सब का जन्म दिन मनाते हैं ,
सबों के लिए
सुंदर – सुंदर कैक आप लाते हैं !
आस-पड़ोस,
संगी-साथी लोगों को बुलाते हैं ,
रात तलक
डी 0 जे 0 के धुन पर नाचते हैं !!
मैंने क्या कोई
आपके साथ कभी अपराध किया है ?
रात- रात जग करके
अहर निशि पहरा दिया है !!
आपके जान-माल
घर आँगन की रक्षा किया है ,
अपने कर्तव्यपरायणता से
आपका सेवा किया है !!
नहीं कभी कोई मैंने
आपको कोई भार दिया है !
कपड़ा-लत्ता
बिछाऔँन तक का नहीं चर्चा किया है !!
ठंड,बरसात, गर्मी ,
आँधी तूफान तक मैंने झेला है ,
सब मेरे काम को
देखकर कहता सब चेला है !!
ना दरमाहा
ना कोई डी 0 ए 0 मुझको चाहिए ,
दो जून भोजन का
सिर्फ इंतजाम मुझको चाहिए !!
प्रेम का भूखा हूँ
बस इसका ही उपहार मिले ,
भेद भाव से
क्या करना मुझको केवल प्यार मिले !!
बिल्ली- भैंस का
जब जन्म– दिन मनाते हैं ,
उनके लिए
पाँच किलो का कैक आप काटते हैं !!
सोशल मीडिया में
भाँति -भाँति पोस्ट करते हैं ,
मैं आपकी रक्षा
के लिए दिन-रात मरते छी !!
मुझे भी तो आप
अपने परिवार का सदस्य मान लें ,
वफादार आपका कुत्ता हूँ
थोड़ा करीब से पहचान लें !!
जन्मदिन के अवसर पर
मुझे अपका प्यार मिले ,
आपको भी श्रेष्ठ
बनने का जीवन में सौभाग्य मिले !!
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत