मनभावन होली …..
आज खेलें हैं राधा की सखियाँ रंग अबीर-गुलाल
गोकुल की गलियों में….
रंगे पीत सब कान्हा का ऐसे, करें हास परिहास
गोकुल की गलियों में….
पकड़ कलाई रंगे सब ऐसे, मन की निकाले हुलास
गोकुल की गलियों में….
लगे सभी रंग श्याम पर ऐसे ,चढो श्याम रंग खास
गोकुल की गलियों में….
राधे लगाओ रंग अटल प्रीत का, जाए किसी के न पास
गोकुल की गलियों में….
श्याम प्रभु की निरखि शान्त छबि, सबको दरस की आस
गोकुल की गलियों में….
धीरेन्द्र वर्मा