गुलाब
हाइकु (गुलाब)
1
फूल गुलाब
नहीं कोई जवाब
टेढ़ा हिसाब।
2
गुलाबी रंग,
बिगड़ते है ढंग
चढ़ती भंग।
3
हुस्न शवाब,
चढ़ता जाए जैसे
नशा शराब।
4
कंटीले काँटे,
चुभते ही है जाएं
कोई न छाँटे।
5
रंग-बिरंगे
हैं सुमन गुलाब
फूलों का राजा।
6
बाग – बगीचे
खिलते हैं पुष्पकुंज
स्वर्ग है नीचे।
7
महक अच्छी
उड़ती हैं तितलियाँ
चहके पंछी।
8
मनसीरत,
मन को खूब भाये
बिखरी खुश्बू।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)