*”गुरू पूर्णिमा”*
“गुरू पूर्णिमा”
गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरु शब्द के बारे में गुरु जी के कहे गए शब्द –
गुरु में दो अक्षर हैं गु + रु = गुरू ये दोनों शब्द घोतक है इस बात के गुणातीत + रूपातीत = अर्थात जो व्यक्ति गुणातीत + रूपातीत रहता है वो सबमें सुंदरता व सद्गुण देखता है । वो गुरु बनाने योग्य है क्योंकि वो अपनी अज्ञानता को दूर करता है और अपने ज्ञान रूपी प्रकाश से हमें भी प्रकाशित करता है।
ॐ सदगुरू देवाय नमः इस मंत्र को थोड़ी देर बैठकर बोलना चाहिए।
“ॐ सद्गुरु देवाय नमः”
गुरुदेव को मन से नमन करना चाहिए।
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जय गुरूदेव