Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2020 · 2 min read

गुरू की गरिमा का अवसान !

गुरू की गरिमा का अवसान !

डॉ० प्रदीप कुमार “दीप”

मानव कल्याण की भावना से परिपूर्ण गृहस्थ कर्त्तव्ययोगी , सृजनशीलता एवं दायित्व-बोध से युक्त गुरूओं ने इस जगत में मार्गदर्शक एवं जीवनदृष्टा के रूप में अपनी सर्वोपरि भूमिका को निभाते हुए राष्ट्र-निर्माण और विकास में सदैव अपने विशेष दायित्वों का निर्वहन किया है । बच्चों को जन्म देकर उनका पालन-पोषण करते हुए उनमें संस्कार और सद्गुणों का विकास तो मां करती हैं , परन्तु राष्ट्र के प्रति उनकी जिम्मेदारी को सुनिश्चित कर उनमें उच्चतम मानवीय मूल्यों , सद्गुणों और संवेदनाओं का उच्चतम विकास तो गुरू ही करता है । गुरू का पद वैदिक काल से ही सतत् गरिमामय रहा है जो सतत काल-कालान्तर में प्रक्रियाधीन रहा है , परन्तु आजकल अक्सर देखने में आता है कि कुछेक असामाजिक तत्वों ने गुरू का पद पाकर गुरू की शोभा , गरिमा और विश्वास का चीर-हरण कर दिया है । अभी हाल ही में देखा गया कि किस प्रकार अनेक गुरू मिलकर मासूम बच्चियों से शर्मनाक हरकतें करने में रत हैं । अरे हां ! मैं इन्हें गुरू कहकर क्यों संबोधित कर रहा हूं……ये तो गरू हैं या कहूं तो उससे भी निम्म वर्ग में शामिल हैं । कम से कम बेचारा गधा मालिक और मेहनत के प्रति वफादार तो होता है , मगर ऐसे अ-मानव किसी के प्रति वफादार नहीं होते…..न परिवार के , न पाठशाला के और न ही सरकार के ! राष्ट्र की बात तो बहुत दूर की बात है । ऐसे कामुक कार्मिक, वफादार होते हैं तो मात्र – कामवासना के ।
भारतीय सभ्यता , संस्कृति और संस्कारों में गुरू-शिष्य परम्परा में गुरू को माता-पिता और ईश्वर से भी ऊँचा दर्जा प्राप्त है । इसका महत्वपूर्ण कारण यही रहा है कि गुरू ने अपनी गुरूता का अवसान कभी नहीं होने दिया, परन्तु वर्तमान संदर्भ मे देखें , तो नित्य नये प्रकरण मीडिया और अखबारों में देखने को मिलते हैं, कि किस प्रकार स्कूलों में नाबालिग बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म होते रहते हैं | स्कूलों में ही नहीं हॉस्टलों में भी ऐसे कुकृत्य देखने को मिलते हैं , जहाँ या तो नाबालिगों को बहला-फुसलाया जाता है या ब्लैकमेल करके उनका शारीरिक-मानसिक बलात्कार किया जाता है । उच्च शिक्षा मंदिरों में तो कुछ गुरू , गरू से भी बदतर हालात में पाये जाते हैं,जो शोध करवाने के बहाने येन-केन प्रकारेण यौन शोषण को अंजाम देते हैं । ऐसे निकृष्ट अमानवीय प्रकरण गुरू के रिश्ते को दागदार बनाकर अच्छे और गरिमामय गुरूओं के चरित्र को भी शंकाग्रस्त कर देते हैं । ऐसे में विश्वास और पवित्र रिश्ता कायम रख पाने में सद्गुरू को भी अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ता है । अतः आज जरूरत है , अपनी बेटियों को सशक्त, सबला और जागरूक बनाने की । हां उन्हें भी अभिभावकों से ऐसी बातें छिपानी नहीं चाहिए क्योंकि चुप रहने से दानवों के होंसले बुलन्द होते हैं । इसके साथ ही ऐसे गुरूओं को पुन : अपनी गरिमा का निर्धारण करना चाहिए ताकि गुरू-शिष्य में विश्वास और इज्जत कायम हो, वरना इनका अंजाम तो सभी जानते ही हैं कि क्या होगा ?

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 1 Comment · 577 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
लिलि रे
लिलि रे """श्रद्धांजलि!"""""""""
श्रीहर्ष आचार्य
युद्ध का आखरी दिन
युद्ध का आखरी दिन
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
बुंदेली साहित्य- राना लिधौरी के दोहे
बुंदेली साहित्य- राना लिधौरी के दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ज़िंदगी अतीत के पन्नों में गुजरती कहानी है,
ज़िंदगी अतीत के पन्नों में गुजरती कहानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इजहार ए इश्क
इजहार ए इश्क
साहित्य गौरव
जीवन के सारे सुख से मैं वंचित हूँ,
जीवन के सारे सुख से मैं वंचित हूँ,
Shweta Soni
"वो आईना"
Dr. Kishan tandon kranti
मोरल for लाईफ
मोरल for लाईफ
पूर्वार्थ
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
समय ही अहंकार को पैदा करता है और समय ही अहंकार को खत्म करता
Rj Anand Prajapati
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
जब हम गलत मार्ग या भटकते हैं तभी हम खोज के तरफ बढ़ते हैं, नह
Ravikesh Jha
🙅आम सूचना🙅
🙅आम सूचना🙅
*प्रणय*
जाते वर्ष का अंतिम दिन
जाते वर्ष का अंतिम दिन
Anant Yadav
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
रेस
रेस
Karuna Goswami
मन में गाँठें बैर की,
मन में गाँठें बैर की,
sushil sarna
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
आकाश भेद पथ पर पहुँचा, आदित्य एल वन सूर्ययान।
जगदीश शर्मा सहज
न दीखे आँख का आँसू, छिपाती उम्र भर औरत(हिंदी गजल/ गीतिका)
न दीखे आँख का आँसू, छिपाती उम्र भर औरत(हिंदी गजल/ गीतिका)
Ravi Prakash
Irritable Bowel Syndrome
Irritable Bowel Syndrome
Tushar Jagawat
कनक मंजरी छंद
कनक मंजरी छंद
Rambali Mishra
संकल्प शक्ति
संकल्प शक्ति
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
प्यार
प्यार
Shyam Sundar Subramanian
कामना के प्रिज़्म
कामना के प्रिज़्म
Davina Amar Thakral
रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa'
रुपया-पैसा -प्यासा के कुंडलियां (Vijay Kumar Pandey pyasa'
Vijay kumar Pandey
-कोई और ना मिला -
-कोई और ना मिला -
bharat gehlot
मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
मंदिर की नींव रखी, मुखिया अयोध्या धाम।
विजय कुमार नामदेव
एक ज्योति प्रेम की...
एक ज्योति प्रेम की...
Sushmita Singh
गीत- जताकर प्यार दिल से तू...
गीत- जताकर प्यार दिल से तू...
आर.एस. 'प्रीतम'
4580.*पूर्णिका*
4580.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...