गुरु वन्दना
शक्ति छन्द
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करूँ पूज्य गुरुदेव को मैं नमन
सदा सत्यपथ जो दिखाया हमें।
जगत में सदा प्रेम के भाव ही
सदाचार करना सिखाया हमें।
लिया आपने जो मुझे है शरण
हो’ गया स्वच्छ निर्मल सरल आचरण।
ह्रदय में जली ज्योति सम्मान की।
तुम्हीं से मिली रोशनी ज्ञान की।
मिली आज रूपम को’ पहचान है
सदा भक्ति का रस पिलाया हमें
करूँ पूज्य गुरुदेव को मैं नमन
सदा सत्यपथ जो दिखाया हमें।
हमें संस्कारों का’ अम्रत दिया।
ह्रदय में मधुर भाव झंकृत किया।
रखा भालपर हाँथ जो आपने।
बनी शुद्ध शालीन सी ज्ञान में।
न भटकूँ कहीं दूसरे मार्ग पर
सदा सच गलत क्या बताया हमें।
करूँ पूज्य गुरुदेव को मैं नमन
सदा सत्यपथ जो दिखाया हमें।
अभिनव मिश्र “अदम्य”