गुरु को नमन
गुरु को नमन
ज्ञान की जोत जलाते हो, अंधकार को दूर भगाते हो। जीवन के हर पथ पर, सच्चा मार्ग दिखाते हो।।
आप ही वो दीप हो, जो जलता है निरंतर। शिक्षा की बगिया में, फूल खिला करते हो सुगंधित हर पल।।
आपके बिना है अधूरा हर ख्वाब, आपसे ही मिलती है नई उड़ान। हर कठिनाई में आपका हाथ थाम, आगे बढ़ता है ये मासूम जहान।।
किताबों में छुपे शब्दों को, जीवन की सच्चाई बनाते हो। कभी गुरु, कभी मित्र बन, हर सवाल का हल दिखाते हो।।
दिखाते हो संघर्ष का असली रूप, जीवन को समझाते हो। आपके सानिध्य में, हम दुनिया की चुनौतियों से न डरते हैं।।
आपके सिखाए हर पाठ, हमेशा रहेंगे याद। आपकी कृपा से ही, हर सपने को मिलेगा साकार।।
शब्दों में कैसे बयाँ करें वो एहसान, जो आपने किया हर इंसान। शिक्षक दिवस पर आपको नमन, आपके चरणों में अर्पित हर अरमान।।
जीवन की इस अनमोल दौड़ में, आपसे मिली सीख से जीते रहेंगे। आपकी दी हुई प्रेरणा से, हर कठिनाई का सामना करेंगे।।
आपका आशीर्वाद बना रहे सदा, हमेशा रहेंगे आपके ऋणी। गुरु का स्थान है सबसे ऊँचा, आपको नमन, करते हैं हम विनम्र श्रद्धांजलि।