Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

गुफ्तगू

गुफ्तगू :

एक मुद्दत हुई
एक सदी ही बीत गई
खुद से गुफ्तगू किए हुए
लगा शायद खुद को
पहचान भी पाऊंगी
या फिर….
एक अजनबियत का फासला
दूरी और बढ़ा देगी
एक अजीब का मंजर है
खुद ही खुद को ढूंड रही हूं.
और न रास्ता है
न मंजिल हैं-
पे पन्हा भीड़ है
अनगिनत
अनजाने
अनचीन्हे चेहरे
और
अपना कोई नहीं
खुद की तलाश
शायद मुक्कमल हो जाए
एक छोटी सी आस
बूंद भर हौंसला
दिल को सहलाती है
पर खुद की खुद से बात
नहीं होती
तमाम चेहरों को मिलने पर
सकून कही नही
राहत कहीं नही
अपनेपन का अहसास
अपने होने का अहसास
कहां गुम गया
और खुद से गुफ्तगू की बात
सोच भर ही रही हूं
इसे एकाकीपन तो
शायद नहीं कहते : ..
पर फिर क्या ???

डॉ . करुणा भल्ला

21 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*छल-कपट को बीच में, हर्गिज न लाना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
*छल-कपट को बीच में, हर्गिज न लाना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
लाइब्रेरी की दीवारों में, सपनों का जुनून
लाइब्रेरी की दीवारों में, सपनों का जुनून
पूर्वार्थ
वास्ते हक के लिए था फैसला शब्बीर का(सलाम इमाम हुसैन (A.S.)की शान में)
वास्ते हक के लिए था फैसला शब्बीर का(सलाम इमाम हुसैन (A.S.)की शान में)
shabina. Naaz
वोट दिया किसी और को,
वोट दिया किसी और को,
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"मकसद"
Dr. Kishan tandon kranti
विपरीत परिस्थितियों में भी तुरंत फैसला लेने की क्षमता ही सफल
विपरीत परिस्थितियों में भी तुरंत फैसला लेने की क्षमता ही सफल
Paras Nath Jha
वारिस हुई
वारिस हुई
Dinesh Kumar Gangwar
*मीठे बोल*
*मीठे बोल*
Poonam Matia
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
💐प्रेम कौतुक-562💐
💐प्रेम कौतुक-562💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
धरती पर जन्म लेने वाला हर एक इंसान मजदूर है
प्रेमदास वसु सुरेखा
हर बार बीमारी ही वजह नही होती
हर बार बीमारी ही वजह नही होती
ruby kumari
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – आविर्भाव का समय – 02
Kirti Aphale
ग़ज़ल
ग़ज़ल
abhishek rajak
.
.
NiYa
दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l
दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l
गुप्तरत्न
9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸
9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸
Mahima shukla
"स्वतंत्रता दिवस"
Slok maurya "umang"
बंदर मामा
बंदर मामा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
भय के द्वारा ही सदा, शोषण सबका होय
भय के द्वारा ही सदा, शोषण सबका होय
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
वक्ष स्थल से छलांग / MUSAFIR BAITHA
वक्ष स्थल से छलांग / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
****** मन का मीत  ******
****** मन का मीत ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
■ अंतर्कलह और अंतर्विरोध के साथ खुली बगगवत का लोकतांत्रिक सी
■ अंतर्कलह और अंतर्विरोध के साथ खुली बगगवत का लोकतांत्रिक सी
*प्रणय प्रभात*
3545.💐 *पूर्णिका* 💐
3545.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
*पिता का प्यार*
*पिता का प्यार*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
पछतावा
पछतावा
Dipak Kumar "Girja"
दोहा पंचक. . . नारी
दोहा पंचक. . . नारी
sushil sarna
Loading...