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15 Sep 2024 · 1 min read

गुपचुप-गुपचुप कुछ हुए,

गुपचुप-गुपचुप कुछ हुए,
आँखों में उत्पात ।
बेकाबू फिर हो गए ,
शर्मीले जज़्बात ।

सुशील सरना / 15-9-24

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