Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

गुपचुप-गुपचुप कुछ हुए,

गुपचुप-गुपचुप कुछ हुए,
आँखों में उत्पात ।
बेकाबू फिर हो गए ,
शर्मीले जज़्बात ।

सुशील सरना / 15-9-24

63 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"कोई तो बताए"
Dr. Kishan tandon kranti
काश! मेरे पंख होते
काश! मेरे पंख होते
Adha Deshwal
मुस्कुराना एक कला हैं
मुस्कुराना एक कला हैं
Rituraj shivem verma
बड़ी सादगी से सच को झूठ,
बड़ी सादगी से सच को झूठ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मौसम है मस्ताना, कह दूं।
मौसम है मस्ताना, कह दूं।
पंकज परिंदा
अरमान
अरमान
अखिलेश 'अखिल'
3105.*पूर्णिका*
3105.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*कागज़ कश्ती और बारिश का पानी*
*कागज़ कश्ती और बारिश का पानी*
sudhir kumar
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
"" *दिनकर* "'
सुनीलानंद महंत
15, दुनिया
15, दुनिया
Dr .Shweta sood 'Madhu'
मजदूर की मजबूरियाँ ,
मजदूर की मजबूरियाँ ,
sushil sarna
ध्यान क्या है और ध्यान कैसे शुरू करें व ध्यान के लाभ। भाग 2 | रविकेश झा।
ध्यान क्या है और ध्यान कैसे शुरू करें व ध्यान के लाभ। भाग 2 | रविकेश झा।
Ravikesh Jha
Confession
Confession
Vedha Singh
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
तोड़ दो सारी हदें तुम हुस्न से दीदार की ।
तोड़ दो सारी हदें तुम हुस्न से दीदार की ।
Phool gufran
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
Dr Archana Gupta
नाइजीरिया में हिंदी
नाइजीरिया में हिंदी
Shashi Mahajan
ज़िंदगी की दौड़
ज़िंदगी की दौड़
Dr. Rajeev Jain
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
समुद्र से गहरे एहसास होते हैं
Harminder Kaur
जानती हो दोस्त ! तुम्हारी याद इक नाव लेकर आती है। एक ऐसी नाव
जानती हो दोस्त ! तुम्हारी याद इक नाव लेकर आती है। एक ऐसी नाव
पूर्वार्थ
*पल-भर में खुश हो गया, दीखा कभी उदास (कुंडलिया)*
*पल-भर में खुश हो गया, दीखा कभी उदास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
That Spot
That Spot
Tharthing zimik
दोस्तों!
दोस्तों!
*प्रणय*
बंटवारा
बंटवारा
Shriyansh Gupta
सत्य की खोज, कविता
सत्य की खोज, कविता
Mohan Pandey
चाहतें मन में
चाहतें मन में
surenderpal vaidya
Shankar lal Dwivedi and Gopal Das Neeraj together in a Kavi sammelan
Shankar lal Dwivedi and Gopal Das Neeraj together in a Kavi sammelan
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
सैनिक की पत्नी की मल्हार
सैनिक की पत्नी की मल्हार
Dr.Pratibha Prakash
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...