Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2022 · 1 min read

गुनाह पर गुनाह।

इन्सान दुनियां की रौनको में खो गया है।
ऐसा लगता है कि जैसे उसे मरना ही नहीं है।।

गुनाह पर गुनाह वो करता ही जा रहा है।
सोचता है कि इनका हिसाब देना ही नही है।।

✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 296 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Taj Mohammad
View all
You may also like:
छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते
छोड़ो टूटा भ्रम खुल गए रास्ते
VINOD CHAUHAN
मुदा एहि
मुदा एहि "डिजिटल मित्रक सैन्य संगठन" मे दीप ल क' ताकब तथापि
DrLakshman Jha Parimal
ऋतु गर्मी की आ गई,
ऋतु गर्मी की आ गई,
Vedha Singh
*आए फोटो में नजर, खड़े हुए बलवान (हास्य कुंडलिया)*
*आए फोटो में नजर, खड़े हुए बलवान (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
लक्ष्मी-पूजन
लक्ष्मी-पूजन
कवि रमेशराज
NEW88bet
NEW88bet
new88betus1
" सूरज "
Dr. Kishan tandon kranti
जादुई गज़लों का असर पड़ा है तेरी हसीं निगाहों पर,
जादुई गज़लों का असर पड़ा है तेरी हसीं निगाहों पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हारा दूर जाना भी
तुम्हारा दूर जाना भी
Dr fauzia Naseem shad
कितनी बूंदों से मिलकर
कितनी बूंदों से मिलकर
पूर्वार्थ
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
Harminder Kaur
इस ठग को क्या नाम दें
इस ठग को क्या नाम दें
gurudeenverma198
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
इत्र   जैसा  बहुत  महकता  है ,
इत्र जैसा बहुत महकता है ,
Neelofar Khan
नेता जी
नेता जी
surenderpal vaidya
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Rashmi Sanjay
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
बर्फ़ के भीतर, अंगार-सा दहक रहा हूँ आजकल-
Shreedhar
पता नहीं किसी को कैसी चेतना कब आ जाए,
पता नहीं किसी को कैसी चेतना कब आ जाए,
Ajit Kumar "Karn"
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
Surya Barman
मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
पावस आने से प्रथम, कर लो सब उपचार।
पावस आने से प्रथम, कर लो सब उपचार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुझे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान हैं बहुत लोग,
मुझे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान हैं बहुत लोग,
Ranjeet kumar patre
वो इश्क की गली का
वो इश्क की गली का
साहित्य गौरव
दिल है पाषाण तो आँखों को रुलाएँ कैसे
दिल है पाषाण तो आँखों को रुलाएँ कैसे
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
ग़ज़ल (सिर्फ़ मरते हैं)
SURYA PRAKASH SHARMA
****अपने स्वास्थ्य से प्यार करें ****
****अपने स्वास्थ्य से प्यार करें ****
Kavita Chouhan
मात्र नाम नहीं तुम
मात्र नाम नहीं तुम
Mamta Rani
*Broken Chords*
*Broken Chords*
Poonam Matia
कहते हैं लगती नहीं,
कहते हैं लगती नहीं,
sushil sarna
विनती मेरी माँ
विनती मेरी माँ
Basant Bhagawan Roy
Loading...