गुनाह पर गुनाह।
इन्सान दुनियां की रौनको में खो गया है।
ऐसा लगता है कि जैसे उसे मरना ही नहीं है।।
गुनाह पर गुनाह वो करता ही जा रहा है।
सोचता है कि इनका हिसाब देना ही नही है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️
इन्सान दुनियां की रौनको में खो गया है।
ऐसा लगता है कि जैसे उसे मरना ही नहीं है।।
गुनाह पर गुनाह वो करता ही जा रहा है।
सोचता है कि इनका हिसाब देना ही नही है।।
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️