गुनगुनी सी धूप — डी के निवातिया
गुनगुनी सी धूप
शरद ऋतू में पीली सुनहरी गुनगुनी सी धूप
कुहासे की श्वेत चादर में लिपटे रवि का रूप
फुर्रफुराती कलँगी में डाल-डाल फुदकते पंछी
अच्छा लगे अलसायी बेलो का निखरता स्वरुप !!
डी के निवातिया
गुनगुनी सी धूप
शरद ऋतू में पीली सुनहरी गुनगुनी सी धूप
कुहासे की श्वेत चादर में लिपटे रवि का रूप
फुर्रफुराती कलँगी में डाल-डाल फुदकते पंछी
अच्छा लगे अलसायी बेलो का निखरता स्वरुप !!
डी के निवातिया