Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 May 2023 · 1 min read

गुण-धर्म

गुण-धर्म

जलन इस कदर कि हर तरफ़ आग सुलगाने में लगे हैं,
तभी तो सभी देश में एक दूसरे को जलाने में लगे हैं।

दूसरों को लगाई आग में खुद भी धू-धू कर जलते हैं,
ख़ाक हो जाते हैं जब तक समझते और संभलते हैं।

आग तो भाई बहन ने भतीजे के लिए जलाई थी,
और होलिका खुद जल गई जिसने आग लगाई थी।

आज भी यूँ ही जल रहे हैं दूसरों को जलाने वाले,
ख़ाक में मिल जाते हैं अक्सर दूसरों को मिटाने वाले।

हर पदार्थ का अपना निश्चित गुण-धर्म होता है,
स्थान परिवर्तन पर भी गुण-धर्म को नहीं खोता है।

आग का गुण-धर्म जद में आने वाले को जलाना है,
नहीं देखती किस का मक़सद किस को मिटाना है।

पदार्थ मानव की तरह अपना गुण-धर्म नहीं बदलते,
खुद आग लगाने वाले भी तभी तो हैं अक्सर जलते।

पर प्रकृति के नियम को मानव समझ नहीं पाता है,
दूसरों के लिए लगाई आग में स्वयं ही जल जाता है।

102 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Khajan Singh Nain
View all
You may also like:
“पेपर लीक”
“पेपर लीक”
Neeraj kumar Soni
मानव  इनको हम कहें,
मानव इनको हम कहें,
sushil sarna
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सफ़र ज़िंदगी का आसान कीजिए
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कभी कभी
कभी कभी
Shweta Soni
..
..
*प्रणय*
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
रखें बड़े घर में सदा, मधुर सरल व्यवहार।
आर.एस. 'प्रीतम'
" तलाश "
Dr. Kishan tandon kranti
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
मुट्ठी में आकाश ले, चल सूरज की ओर।
Suryakant Dwivedi
पतंग
पतंग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कुछ जवाब शांति से दो
कुछ जवाब शांति से दो
पूर्वार्थ
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
Tulendra Yadav
जिंदगी की राहे बड़ा मुश्किल है
जिंदगी की राहे बड़ा मुश्किल है
Ranjeet kumar patre
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
बधईया बाजे नंद बाबा घर में
singh kunwar sarvendra vikram
चांद तारों ने कहकशां  लिख दी ,
चांद तारों ने कहकशां लिख दी ,
Neelofar Khan
प्रेम
प्रेम
Sanjay ' शून्य'
दीपों की माला
दीपों की माला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैंने रात को जागकर देखा है
मैंने रात को जागकर देखा है
शेखर सिंह
करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
करते हो परेशान क्यूँ मुझको,आज फिर अपनी यादों से
Kailash singh
गुनाहों के देवता तो हो सकते हैं
गुनाहों के देवता तो हो सकते हैं
Dheeru bhai berang
कौन है ऐसा देशभक्त
कौन है ऐसा देशभक्त
gurudeenverma198
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
Phool gufran
जवाब ना दिया
जवाब ना दिया
Madhuyanka Raj
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
छाता
छाता
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
Rituraj shivem verma
हम हिंदुओ का ही हदय
हम हिंदुओ का ही हदय
ओनिका सेतिया 'अनु '
गांव
गांव
Bodhisatva kastooriya
4497.*पूर्णिका*
4497.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...