Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2024 · 1 min read

गुज़ारिश है रब से,

गुज़ारिश है रब से,
कलम ना रूठे किसी की,
मुद्दतों से लिखते हैं,
आरजू जो दिल की,
कोई दरिया दिल का
डूबा हुआ देखा,
तो कोई हालात ए,
मजबूर भी देखा,
हो जाएं ख्बाव सबके पूरे,
खुदा तू काम ये करना,
सलामती रख मेरे दोस्तों की,
तू दुआ अमीन ये करना।

2 Likes · 161 Views

You may also like these posts

धरती
धरती
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
बचपन अच्छा था
बचपन अच्छा था
Ashok Sharma
शब्द पिरामिड
शब्द पिरामिड
Rambali Mishra
परीक्षा
परीक्षा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
रिश्ते चाहे जो भी हो।
रिश्ते चाहे जो भी हो।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
निकाल कर फ़ुरसत
निकाल कर फ़ुरसत
हिमांशु Kulshrestha
प्रेम प्रस्ताव
प्रेम प्रस्ताव
NAVNEET SINGH
"जीवन"
Dr. Kishan tandon kranti
हम भी बदल न जायें
हम भी बदल न जायें
Sudhir srivastava
छुपा सच
छुपा सच
Mahender Singh
भ्रूणहत्या
भ्रूणहत्या
Neeraj Agarwal
बादल बरखा कब लाओगे
बादल बरखा कब लाओगे
जगदीश शर्मा सहज
कहे करेला नीम से
कहे करेला नीम से
RAMESH SHARMA
3453🌷 *पूर्णिका* 🌷
3453🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
~~~~हिन्दी गजल~~~~
~~~~हिन्दी गजल~~~~
Surya Barman
स्वयं के परिचय की कुछ पंक्तियां
स्वयं के परिचय की कुछ पंक्तियां
Abhishek Soni
*मधु मालती*
*मधु मालती*
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
गुब्बारा
गुब्बारा
अनिल "आदर्श"
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चंदा, हाल तुम्हारा क्या है, अब हम जानेंगे।
चंदा, हाल तुम्हारा क्या है, अब हम जानेंगे।
श्रीकृष्ण शुक्ल
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
**जाते-जाते वो हम से वफ़ा कर गए**
**जाते-जाते वो हम से वफ़ा कर गए**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गंगा सेवा के दस दिवस (द्वितीय दिवस)
गंगा सेवा के दस दिवस (द्वितीय दिवस)
Kaushal Kishor Bhatt
मनोवृत्तियाँ
मनोवृत्तियाँ
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का ।।
कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का ।।
Rituraj shivem verma
*मन की सभी मलिनताओं का, होता हल संवाद है (हिंदी गजल)*
*मन की सभी मलिनताओं का, होता हल संवाद है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
बढ़ने वाला हर पत्ता आपको बताएगा
शेखर सिंह
..
..
*प्रणय*
उसकी ख़ामोश आहें
उसकी ख़ामोश आहें
Dr fauzia Naseem shad
तुझे हमने अपनी वफ़ाओं की हद में रखा हैं,
तुझे हमने अपनी वफ़ाओं की हद में रखा हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...