गुजरे वक्त की याद………….रुलाती है |गीत| “मनोज कुमार”
गुजरे वक्त की याद याद आती है |
चुपसा रहता है दिल रुलाती है ||
जबसे छीनी है प्यार की दौलत |
बनके हम तो फ़क़ीर बैठे है ||
झूठा ही सही ख़्वाब में आ जाना |
दूर रहकर ये रूह रोती है ||
गुजरे वक्त की याद याद आती है |
चुपसा रहता है दिल रुलाती है ||
अब तो मंजिल है ना ठिकाना है |
दिल की चाहत तुम्हीं को पाना है ||
तुमको भूला कभी ना गलती है |
तुमसे ही साँस मेरी चलती है ||
गुजरे वक्त की याद याद आती है |
चुपसा रहता है दिल रुलाती है ||
मैं तो दीपक तू मेरी बाती है |
हर घड़ी साथ दे वो साथी है ||
वफ़ा भी तुमसे जानी जाती है |
मेरी पहचान तुमसे आती है ||
गुजरे वक्त की याद याद आती है |
चुपसा रहता है दिल रुलाती है ||
“मनोज कुमार”