Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2018 · 1 min read

गीत

बूंदों की खनखन

बारिश में बूँदों की खनखन आहट तेरी लाती है
धड़कन में साँसों की सरगम गीत प्रेम के गाती है।

घटा घिरी घनघोर गगन में
धरती भी हर्षाती है
ढ़ोल-नगाड़े नभ में बाजें
बारिश धूम मचाती है

तीक्ष्ण दामिनी रह-रह दमके-
उर में अगन लगाती है।
बारिश में बूँदों की खनखन…..।

चूड़ी,बिछिया,झुमका,पायल
तेरी याद दिलाते हैं
झूला,कजरी,गजरा,चुनरी
मेले पास बुलाते हैं

सावन की ऋतु मन को भाती-
नेह सरस बरसाती है।
बारिश में बूँदों की खनखन….।

सौंधी माट्टी की खुशबू भी
मन-उन्मादित कर जाती
हरियाली उपवन में छाकर
राग मधुर सा भर जाती

प्रीत पिया की मन सरसाती-
नव संगीत सुनाती है।
बारिश में बूँदों की खनखन…।

रिमझिम सावन की फुहार छू
यौवन मेरा मदमाता
प्रेम नगर में धूम मचाकर
मधुरिम सावन मुस्काता

रजत चाँदनी प्यार लुटाती-
आँगन में भर जाती है।
बारिश में बूँदों की खनखन…।

डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना” है”
वाराणसी (उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

Language: Hindi
Tag: गीत
573 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
Sonam Puneet Dubey
प्रेम
प्रेम
Dinesh Kumar Gangwar
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
Rekha Drolia
मिलने वाले कभी मिलेंगें
मिलने वाले कभी मिलेंगें
Shweta Soni
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
गर गुनहगार मै हूँ तो गुनहगार तुम भी हो।
गर गुनहगार मै हूँ तो गुनहगार तुम भी हो।
Ashwini sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
कभी-कभी
कभी-कभी
Ragini Kumari
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
आदमी के नयन, न कुछ चयन कर सके
सिद्धार्थ गोरखपुरी
डुगडुगी बजती रही ....
डुगडुगी बजती रही ....
sushil sarna
“सत्य वचन”
“सत्य वचन”
Sandeep Kumar
“तुम हो जो इतनी जिक्र करते हो ,
“तुम हो जो इतनी जिक्र करते हो ,
Neeraj kumar Soni
मंजिल तक पहुँचाना प्रिये
मंजिल तक पहुँचाना प्रिये
Pratibha Pandey
सितारा कोई
सितारा कोई
shahab uddin shah kannauji
जो सुनता है
जो सुनता है
Meera Thakur
प्रश्रयस्थल
प्रश्रयस्थल
Bodhisatva kastooriya
कभी कभी भाग दौड इतना हो जाता है की बिस्तर पे गिरने के बाद कु
कभी कभी भाग दौड इतना हो जाता है की बिस्तर पे गिरने के बाद कु
पूर्वार्थ
2674.*पूर्णिका*
2674.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"अगर"
Dr. Kishan tandon kranti
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
उस स्त्री के प्रेम में मत पड़ना
Shubham Anand Manmeet
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
ख़ुद से हमको
ख़ुद से हमको
Dr fauzia Naseem shad
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
महान लोग साधारण लोग होते हैं ।
P S Dhami
नया
नया
Neeraj Agarwal
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
*भव-पालक की प्यारी गैय्या कलियुग में लाचार*
Poonam Matia
*दादी की बहादुरी(कहानी)*
*दादी की बहादुरी(कहानी)*
Dushyant Kumar
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
युद्ध नहीं अब शांति चाहिए
लक्ष्मी सिंह
इंसान
इंसान
Sanjay ' शून्य'
■ सुबह की सलाह।
■ सुबह की सलाह।
*प्रणय प्रभात*
Loading...