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29 Aug 2024 · 1 min read

गीत

पत्थर पानी मिलकर गाते
झरने बीन सुनाते
नाच रही नागिन सी बूँदें
ताली विटप बजाते

दर्शक बनी लताएँ पौधें
हर्षित मुख से झूमें।
पवन झकोरों से हिलमिल कर
इक दूजे को चूमें ॥
नई नवेली बल्लरियों को
छेड़-छेड़ हर्षाते..

सरिताओं को खुशियाँ देकर
सुख संसार को देते
शस्य श्यामला धरती करके
सबका मन हर लेते
स्वार्थहीन स्नेहिल भावों से
जैसे हृदय लुटाते

पावस से पाकर अनुकम्पा
पावन धरती करते
बादल से लेकर शीतलता
कोमलता मन भरते
सुधा सिक्त साँसों को करते
जीवन ज्योंति जलाते .

Language: Hindi
1 Like · 76 Views
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