Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2024 · 1 min read

गीत

गीत

तुम प्रेम समन्दर उर्मिल हो,गागर में स्नेहिल सागर हो।
तुम सहज स्नेह की रत्नावलि,अमृत घट का प्रिय नागर हो।
तुम हृदय हमेशा रहते हो,प्रिय मित्र बने विचरण करते।
तृप्त किया करते हो प्रियवर,मधु सावन बने चरण रखते।
तुम रस प्रधान मोहक रसिया,अति अनुपम मधुरिम नायक हो।
है नाम तुम्हारा “अमर प्यार”,
प्रिय रंग स्वर्ण सुखदायक हो।
तुम शोभा बनकर रहते हो,निर्मल बादल की छाया हो।
तुम प्रेम सिन्धु की लहरों में,चमकीली हीरक काया हो।
तुम मोती पन्ना रत्नाकर,मधु राग-रागिनी अमृत हो।
है हृदय तुम्हारा शुभ्र स्वच्छ,नित भव्य मनोहर शुभ कृत हो।
तुम खिले खिले अविरल प्रज्वल,देदीप्यमान अति मादक हो।
मुखड़े पर तेरे चंद्रप्रभा,मोदक मोहन हिय पालक हो।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 39 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जिंदगी तेरे नाम हो जाए
जिंदगी तेरे नाम हो जाए
Surinder blackpen
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
शीर्षक- तुम बनाओ अपनी बस्ती, हमसे दूर
gurudeenverma198
अपने होने की
अपने होने की
Dr fauzia Naseem shad
यार नहीं -गजल
यार नहीं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
गुमशुदा
गुमशुदा
Rambali Mishra
बुद्ध पर वार है।
बुद्ध पर वार है।
Acharya Rama Nand Mandal
दस नंबर
दस नंबर
सोनू हंस
कांधा होता हूं
कांधा होता हूं
Dheerja Sharma
भारतीय समाज
भारतीय समाज
Sanjay ' शून्य'
రామయ్య మా రామయ్య
రామయ్య మా రామయ్య
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
अर्चना की कुंडलियां भाग 2
Dr Archana Gupta
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
Shinde Poonam
ग़ज़ल _ मांगती इंसाफ़ जनता ।
ग़ज़ल _ मांगती इंसाफ़ जनता ।
Neelofar Khan
"आजादी के दीवाने"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा भी जिक्र कर दो न
मेरा भी जिक्र कर दो न
Kanchan verma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Santosh Soni
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घटनाएं की नहीं जाती है
घटनाएं की नहीं जाती है
Ajit Kumar "Karn"
2445.पूर्णिका
2445.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
*बचपन*
*बचपन*
Dushyant Kumar
1,सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
1,सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
संगिनी भी साथ रहे
संगिनी भी साथ रहे
आकाश महेशपुरी
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
बचपन
बचपन
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
ज्ञान का अर्थ अपने बारे में होश आत्मबोध
ओंकार मिश्र
डॉ Arun Kumar शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ Arun Kumar शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
Life is like party. You invite a lot of people. Some leave e
पूर्वार्थ
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
यही पाँच हैं वावेल (Vowel) प्यारे
Jatashankar Prajapati
Loading...