Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Aug 2023 · 1 min read

गीत..

गीत..

बदली- बदली सी तश्वीरें, आया कैसा दौर।
ढूँढ़ रहे हम बाजारों में, रोटी के दो कौर।।

घूर रहा बेचैनी लेकर, अब खुद को इंसान।
दूर हटाता ही वह जाता, रिश्तों से पहचान।
होते हैं जो निर्बल क्यों ना, होता उनपे गौर।
बदली- बदली सी तश्वीरें, आया कैसा दौर।।

संवादों में खोई दुनिया, जाने कैसी भूख।
संवेगों की जाती सरिता, अन्तर्मन से सूख।
दुर्व्यसनी अब हो बैठे हैं, बागों के सिरमौर।
बदली- बदली सी तश्वीरें, आया कैसा दौर।।

सत्कर्मों की बातें केवल, पन्नों तक द्रष्टव्य।
छीनाझपटी में दौलत के, मुस्काता मंतव्य।
आँसू बन चूती सच्चाई, बेबस हो हर ठौर।
बदली- बदली सी तश्वीरें, आया कैसा दौर।।

आज मशीनें बोल रही हैं, इंसानों की बोल।
मांग रही हैं राग- रागिनी, दरबारों से मोल।
सिखलाते कौवे हंसो को, उड़ने का हैं तौर।
बदली- बदली सी तश्वीरें, आया कैसा दौर।।

बदली- बदली सी तश्वीरें, आया कैसा दौर।
ढूँढ़ रहे हम बाजारों में, रोटी के दो कौर।।

डाॅ. राजेन्द्र सिंह ‘राही’
(बस्ती उ. प्र.)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 181 Views

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
कैसे हो हम शामिल, तुम्हारी महफ़िल में
gurudeenverma198
कल में जीवन आस है ,
कल में जीवन आस है ,
sushil sarna
वोट कर!
वोट कर!
Neelam Sharma
* अंदरूनी शक्ति ही सब कुछ *
* अंदरूनी शक्ति ही सब कुछ *
Vaishaligoel
" दस्तूर "
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्तों की डोर
रिश्तों की डोर
Neha
सावन की बारिश
सावन की बारिश
Rambali Mishra
लग़ज़िशें दिल ये कर नहीं सकता,
लग़ज़िशें दिल ये कर नहीं सकता,
Dr fauzia Naseem shad
शिकायतों के अंबार
शिकायतों के अंबार
Surinder blackpen
टिमटिम करते नभ के तारे
टिमटिम करते नभ के तारे
कुमार अविनाश 'केसर'
अब कोई मफा़दात से हट कर नहीं मिलता
अब कोई मफा़दात से हट कर नहीं मिलता
Kamil Badayuni
कुछ नही मिलता आसानी से,
कुछ नही मिलता आसानी से,
manjula chauhan
सेवा कार्य
सेवा कार्य
Mukesh Kumar Rishi Verma
इस सफर में कहो कौन कैसा कहाँ।
इस सफर में कहो कौन कैसा कहाँ।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हुस्नों ज़माल पर ये मचलता नहीं है क्यों
हुस्नों ज़माल पर ये मचलता नहीं है क्यों
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
क्या लिखू , क्या भूलू
क्या लिखू , क्या भूलू
Abasaheb Sarjerao Mhaske
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
ये आप पर है कि ज़िंदगी कैसे जीते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संक्रांति
संक्रांति
sushil sharma
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
तड़के जब आँखें खुलीं, उपजा एक विचार।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मां जैसा ज्ञान देते
मां जैसा ज्ञान देते
Harminder Kaur
Acrostic Poem- Human Values
Acrostic Poem- Human Values
jayanth kaweeshwar
तमाशा लगता है
तमाशा लगता है
Vishnu Prasad 'panchotiya'
अखबारी दानवीर
अखबारी दानवीर
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तलाशता हूँ उस
तलाशता हूँ उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ
Atul "Krishn"
ग़ुरूर
ग़ुरूर
सिद्धार्थ गोरखपुरी
असली काम तो वह है जो आप खुद पर करते हैं।
असली काम तो वह है जो आप खुद पर करते हैं।
पूर्वार्थ
चमत्कारी नेताजी।
चमत्कारी नेताजी।
Kumar Kalhans
*शक्तिपुंज यह नारी है (मुक्तक)*
*शक्तिपुंज यह नारी है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
चंद शब्दों से नारी के विशाल अहमियत
manorath maharaj
Loading...