गीत
सिंधु चरण पखारे जिसके हर नयनों का तारा है ,
कनक – क्रीट गिरिराज वही तो भारत देश हमारा है !
जहाँ सुधा की धारा बनकर
नदियाँ बहती रहती हैं ,
कल – कल करती धाराएँ
खेतों में जीवन भरती हैं ,
गौतम,कपिल,अत्रि की धरती
सारे जग से न्यारी है ,
हर नर में नारायण बसते ,
सीता रूप में नारी है,
वन उपवन से धरा सजी देवों ने जिसे दुलारा है ,
जहां सुगंधित पुष्प खिलें वो भारत देश हमारा है !
ज्योति राय ‘ ज्वाला ‘
सिंगरौली मध्य प्रदेश