गीत
गौरवमयी इतिहास जहां है वीरों के बलिदान की,
धरती हिंदुस्तान की ये धरती हिंदुस्तान की,
रीत वही है प्रीत वही है सब जानी पहचानी है,
गौरव गाथाएँ दोहराती पल पल नई कहानी है,
प्रेम सिखाते धर्म हमारे, भाई चारे का भाव यहाँ
होली ईद दीवाली की वो रौनक वही पुरानी है,
एक सूत्र में जोड़ती बातें गीता और कुरान की,
धरती हिंदुस्तान की ये धरती हिंदुस्तान की,
ओढ़ चांदनी पुरवा मन के आंगन में मुस्काती है,
बरखा सौंधी सी मिट्टी की खुशबू लेकर आती है,
यहां चाँदनी करती रहती तारों से मिलकर बातें
धरती अंबर से मिलकर एक सुंदर गीत सुनाती है,
धरा कृषक का रिश्ता जैसे माता और संतान की
धरती हिंदुस्तान की ये धरती हिंदुस्तान की,
नयनों की शब्दों में भाषा दिल का हाल सुनाती है,
आशा की ज्योति अँधियारे पथ रौशन कर जाती है,
शंख की गूँज नभ से उठती गुरुवाणी गुरुद्वारों से
कहीं अज़ानो की मीठी धुन कानों में घुल जाती है,
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई , बाहें देश महान की
धरती हिंदुस्तान की ये धरती हिंदुस्तान की !!