“”गीत होली का हम गाएं””
रंग प्रेम से
सबको लगाना।
मन के अंदर,
भाव जगाना।।
न कोई रूठे
कोई न छूटे ।
बोल प्रेम के
होते अनूठे।।
चलो प्रेम रस बरसाएं,गीत होली का हम गाएं।।
रंग में भंग तू,
कभी न मिलाना।
तारा आंख का,
बन के दिखाना।।
वक़्त जरूरत,
काम तू आना।
नो दो ग्यारह,
मत हो जाना।।
हर आंगन रंगोली सजाएं,अनुनय सबको भाए।।
चलो प्रेम रस बरसाएं, गीत होली का हम गाएं।।
राजेश व्यास अनुनय