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23 Jan 2019 · 1 min read

गीत:- है जगतगुरु ये भारत, मेरा देश जग से प्यारा

है जगतगुरु ये भारत, मेरा देश जग से प्यारा।
खुशियों का है गुलिस्तां, परिवेश जग से न्यारा।।
==◆●◆==
रहे शीश पर हिमालय, क़दमों में जिसके साग़र।
बहती हृदय में गंगा, यहाँ ताज जग से सुंदर।
ऋषियों की जो धरा है, वही देश है हमारा।
खुशियों का है गुलिस्तां, परिवेश जग से न्यारा।।
है जगतगुरू ये भारत……………
==◆●◆==
बजे मंदिरों में घंटी, अरदास हो रही है।
गुरुद्वारे में हैं लंगर, प्रयर भी हो रही है।।
करें राष्ट्रगान मिलकर,जयहिंद एक नारा।
खुशियों का है गुलिस्तां, परिवेश जग से न्यारा।।
है जगत गुरु ये भारत……………
==◆●◆==
पशु पंछी पेड़ पुजते, नदियों की बहती धारा।
फल फूलते धरम सब, इक़ दूजे का सहारा।।
महावीर गुरु गौतम, सबने इसे सँभारा।
खुशियों का है गुलिस्तां परिवेश जग से न्यारा।।
है जगतगुरु ए भारत……..……..
==◆●◆==
हर माँ का लाल लिखता, यहाँ ख़ून से कहानी।
हैं भगत सुभाष गांधी, हैं लक्ष्मी जोधा रानी।।
यहाँ सत्य और अहिंसा, हर दिल मे भाईचारा।
खुशियों का है गुलिस्तां, परिवेश जग से न्यारा।
है जगतगुरु ये भारत…………
==◆●◆==
✍?? अरविंद राजपूत ‘कल्प’ ?✍?
बह्रे-: रमल मुसम्मन मशकूल
वज़न-: फ़एलातु फ़ाइलातुन फ़एलातु फ़ाइलातुन
1121 2122 1121 2122

Language: Hindi
Tag: गीत
271 Views
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