गीत- हिंदी से तुम प्यार करो
गीत- हिंदी से भाई प्यार करो
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
हिंदी की बिंदी से भाई भारत का तुम श्रृंगार करो,
दुनिया में यह रौशन होगी, घर में पहले स्वीकार करो।
तेरी माँ की यह भाषा है, क्या तुमको इसका ज्ञान नहीं?
तुम पढ़ो-लिखो कुछ भी लेकिन करना इसका अपमान नहीं।
तुम हिंदी में हो पले बढ़े, हिंदी से भाई प्यार करो-
दुनिया में यह रौशन होगी, घर में पहले स्वीकार करो।।
अभियंता और चिकित्सक का आधार जरूरी लगता है,
अब हिंदी में ही शिक्षा का विस्तार जरूरी लगता है।
न्यायालय में हिंदी पर ऐ भारतवासी उपकार करो-
दुनिया में यह रौशन होगी, घर में पहले स्वीकार करो।।
कितने ही रचनाकारों ने आजीवन कलम चलाई है,
तब जाकर अब हिंदी पर यह आई थोड़ी तरुणाई है।
हम सबने जोर लगाया है, तुम भी थोड़ा विस्तार करो-
दुनिया में यह रौशन होगी, घर में पहले स्वीकार करो।।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 10/01/2020