गीत-3 (स्वामी विवेकानंद)
प्रतिभा और बुद्धि का लोहा,मान रहा संसार।
पूज्य विवेकानंद करें हम,नमन तुम्हें सौ बार।।
जिनकी वाणी का हम सारे,पीते हैं मकरंद,
उनको कहती है ये दुनिया,पूज्य विवेकानंद।
हर भारतवासी करता है,उनको दिल से प्यार।
पूज्य संत को नमन करें हम—
दिव्य अलौकिक आभा मुख पर,सौम्य और थे शांत,
धर्म सनातन को जो देकर,गए आप्त वेदांत।
जाति- धर्म के दूर किए थे,जिसने सभी विकार,
पूज्य संत को नमन करें हम—
युवा मानते जिनको अपना,प्यारा प्रेरणा-स्रोत,
उनकी प्रतिभा के आगे सब,लगते थे खद्योत।
पावन भारत भूषण पर वे थे, एक दिव्य अवतार,
पूज्य संत को नमन करें हम—