गीत : मौसम
** मौसम **
// दिनेश एल० “जैहिंद”
मौसम ने तो ली अँगड़ाई,,
बहने लगी अब पुरवाई ।।
सजनी ने आवाज़ लगाई,,
मैं आई, मैं आई, मैं आई….
पुरवा की अगलगन ऐसी,,
लागे तन में सिहरन जैसी ।।
प्रीतम की अवहेलन कैसी,,
मैं आई, मैं आई, मैं आई….
मौसम तो अब मन बदले,,
मन से कहे मन का कर ले ।।
मन बावरा पुकार सुन ले,,
मैं आई, मैं आई, मैं आई….
ऋतु अब मन भावन आई,,
मस्त हवा लुभावन आई ।।
तन पे मस्ती पावन छाई,,
मैं आई, मैं आई मैं, आई….
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दिनेश एल० “जैहिंद”
30. 03. 2018