गीत मेरे जब ख्वाबों में
गीत मेरे जब ख्वाबों में
गीत मेरे जब ख्वाबों में आएंगे प्यार जताने को
आकर के मेरे ख्वाबों में तुम सुर गीतों को दे जाना
गीत मेरे जब ख्वाबों में आएंगे तुम्हें गुदगुदाने को
छूकर अपने होठों से गीतों को प्रेम रस घोल जाना
गीत मेरे जब ख्वाबों में आएंगे प्यार जताने को
न जाने प्रियतम मेरा तुमसे किन जन्मों का नाता है
साथ तेरा जब तक नही तो मुझको कुछ नहीं भाता है
गहराइयों से हृदय की अपने चाहा है तुमको ऐसे
गहराइयों से हृदय की अपने चाहा है तुमको ऐसे
बेसुध रहता हूं तेरे प्रेम में लोग कहने लगे हैं दीवाना
गीत मेरे जब ख्वाबों में आएंगे प्यार जताने को
आकर के मेरे ख्वाबों में तुम सुर गीतों को दे जाना
दुख और विषाद के हर क्षण तुमने पल-पल साथ निभाया है
जीवन जीना किसको कहते हैं पग पग पाठ पढ़ाया है
गहराइयों में हृदय की मेरे कुछ ऐसे रची बसी हो तुम
गहराइयों में हृदय की मेरे कुछ ऐसे रची बसी हो तुम
गहरे समंदर में जैसे बंद सीप में मोती का मिल जाना
गीत मेरे जब ख्वाबों में आएंगे प्यार जताने को
आकर के मेरे ख्वाबों में तुम सुर गीतों को दे जाना
इति
इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
9425822488