गीत- याद करो बलिदान को
जाति-धर्म की बातें कर यूँ मत बाँटो इंसान को,
मिल-जुल कर तुम रहो बचा लो अपने देश महान को।
कुछ नेता बस घात करेंगे,
झगड़े वाली बात करेंगे।
जेठ महीने के दिन को भी,
काली आधी रात करेंगे।
इन लोगों की नज़र लगी है प्यारे हिंदुस्तान को-
मिल-जुल कर तुम रहो बचा लो अपने देश महान को।
सबने बहुत सम्हाला इसको,
किया जगत में आला इसको।
कुछ बंदे जो भटक गये हैं,
पिला रहे विष प्याला इसको।
हेतु देश के अमर हो गये कितने देकर जान को-
मिल-जुल कर तुम रहो बचा लो अपने देश महान को।
मनुज मनुज में भेद नहीं है,
सत्य अटल में छेद नहीं है।
ग्रंथ सभी हैं प्रेम सिखाते,
भेद करे वह वेद नहीं है।
लड़ कर अपमानित मत करना गीता और कुरान को-
मिल-जुल कर तुम रहो बचा लो अपने देश महान को।
अलख जगाया था वीरों ने,
देश बचाया था वीरों ने।
चैन हमें देने की खातिर,
शीश कटाया था वीरों ने।
दे दी हमें आजादी उनके याद करो बलिदान को-
मिल-जुल कर तुम रहो बचा लो अपने देश महान को।
– आकाश महेशपुरी
दिनांक- 22/12/2019