Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2018 · 2 min read

गीत *** भारत बन्द ****** कभी नही

******गीत ….भारत बन्द **** कभी नही
?9 अगस्त ..मैं साथ नही
?????????????????
आये दलाल दंगा करवानें,
नही जाना .…..नही जाना !
दो अप्रैल में हमनें तुमको ,
अच्छे से पहचाना !
तुम ही विभिष्ण के भाई हो ,
तुम सुग्रीव सरीखे हो !
दुश्मन की गोदी में बैठे ,
दुश्मन से भी तीखे हो !
कितने अत्याचार हुए पर ,
चुप्पी ना तुमनें तोडी !
बहुजनों के न्याय के खातिर,
गर्दन तनिक ना ये मोडी!
अब अचानक बहुजनों की,
तुमको बहुत याद आयी है!
दिल कहता है तुम नही अपनें,
नीयत सबकी हरजाई है !
हम लड लेगें अपनी लडाई,
दूर रहो तुम दूर रहो !
मनुवाद के चमचे बनकर,
दुम दुबकाये पडे रहो!
रोज टूटती प्रतिमायें ,
संविधान निर्माता की !
तुम जैसे गद्दारों के भी,
थे उस भाग्य विधाता की!
कब तमनें चुप्पी तोडी है,
बहुजन अत्याचारों पर !
कब गरजे हो दुश्मन बन तुम,
बढे हुए दुर्र व्यवहारों पर !
अब अपनी कुर्सी के खातिर,
आन्दोलन करनें निकले हो !
बहुजनों को मूर्ख समझते ,
मसीहा बननें निकले हो !
हमें तुम्हारी नही जरूरत,
अपनी लडाई खुद लड लेगें,
संविधान की खातिर भी हम,
खुद ही आन्दोलन कर लेगें!
नौ अगस्त को भारत नही तुम,
बहुजन बंद करवाओगे !
पहले पिट वाओगे उनको,
फिर तुम ही छूट वाओगे !
मूलनिवासी दिवस उस दिन,
खुलकर खुशी मनायेगें!
लेकन दलालो के साथ हम,
हरगिज कभी ना जायेगें!
अरे दलालों कुर्सी खातिर तुम,
क्या …क्या सांग रचाओगे !
अपना कहकर अपनों को ही,
मिलकर तुम मर वाओगे !
“सागर” तुम जैसे दल्लो को,
सौ बार ग्लानि देता है !
जब चाहो कर लेना सामना,
खुली चुनौती देता है !!
????????????????
बैखोफ शायर/गीतकार/लेखक
**********
डाँ.नरेश कुमार सागर
***** राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
राष्ट्रीय दलित चेतना मंच
******प्रदेश अध्यक्ष
कलमकार संघ(M.S.P.)

9897907490

Language: Hindi
Tag: गीत
557 Views

You may also like these posts

पाँच मिनट - कहानी
पाँच मिनट - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आज का सत्य
आज का सत्य
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
3863.💐 *पूर्णिका* 💐
3863.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान
ताल -तलैया रिक्त हैं, जलद हीन आसमान
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ऐसी थी बेख़्याली
ऐसी थी बेख़्याली
Dr fauzia Naseem shad
जुस्तज़ू के किनारे
जुस्तज़ू के किनारे
Vivek Pandey
स्वीकार्य
स्वीकार्य
दीपक झा रुद्रा
"बहादुर शाह जफर"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम कहो उम्र दरकिनार कर जाएं
तुम कहो उम्र दरकिनार कर जाएं
Shreedhar
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
मतदान 93 सीटों पर हो रहा है और बिकाऊ मीडिया एक जगह झुंड बना
*प्रणय*
मौसम बरसात का
मौसम बरसात का
Shutisha Rajput
राम भजे
राम भजे
Sanjay ' शून्य'
बोगनविलिया
बोगनविलिया
Meenakshi Bhatnagar
मस्तियाँ दे शौक़ दे      माहौल भी दे ज़िन्दगी,
मस्तियाँ दे शौक़ दे माहौल भी दे ज़िन्दगी,
अश्क़ बस्तरी
आप, मैं और एक कप चाय।
आप, मैं और एक कप चाय।
Urmil Suman(श्री)
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
Gaurav Pathak
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
कभी लगते थे, तेरे आवाज़ बहुत अच्छे
Anand Kumar
कोई हमारे लिए जब तक ही खास होता है
कोई हमारे लिए जब तक ही खास होता है
रुचि शर्मा
दोहा त्रयी. . . . . नवयुग
दोहा त्रयी. . . . . नवयुग
sushil sarna
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
Manisha Manjari
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
काव्य की आत्मा और रीति +रमेशराज
कवि रमेशराज
मन में मातम हो कहीं,
मन में मातम हो कहीं,
TAMANNA BILASPURI
हाइकु - डी के निवातिया
हाइकु - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
व्यक्ति कितना भी बड़ा क्यों न हो जाये
शेखर सिंह
"" *बसंत बहार* ""
सुनीलानंद महंत
किताबें
किताबें
Kunal Kanth
VOICE OF INTERNAL SOUL
VOICE OF INTERNAL SOUL
SURYA PRAKASH SHARMA
एक दिवस में
एक दिवस में
Shweta Soni
Loading...