गीत-चले आओ
गीत -चले आओ
जी भर के देख लूॅं तुम्हें, इक बार चले आओ
रूठ तुमसे ना जाऊॅं फिर ,इक बार चले आओ।
अब ना बंदिशे सहेंगे जमाने की ,तुम चाहो अगर
तोड़ देंगे रस्में -रिवाज़ो को सभी, तुम चाहो अगर।
भूले से भूलकर ना दग़ा देंगे,फिर तुमको यूॅं कभी
चाहतें दबी हुई ज़ाहिर कर देंगे तुमको हम सभी।
राज़ दफ़्न दिल के सारे, खोल देंगे पास आ जाओ
यूं सितम देकर हमें ना सताओ, अब पास आ जाओ।
बहारें खिलती है अब भी गुलशऩ में गुल महकते हैं
तुम ना हो करीब तो ,सब अरमां दिल में दहकते है।
फलक़ पर चॉंद मुस्काता निखरती चॉंदनी की खातिर
सुनो !तुम भी मुस्कुरा दो अब , हमारे प्यार की खातिर।
योगमाया शर्मा
कोटा राजस्थान