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15 Jun 2024 · 1 min read

गीत “आती है अब उनको बदबू, माॅ बाबा के कमरे से”

कैसा हुआ ज़माना देखो
कतराते हैं मिलने से।
आती है अब उनको बदबू,
माॅ बाबा के कमरे से।।
**********************
भूखे पेट स्वयं सोये पर,
घी मखनी का दिया उन्हें।
गीले पर माॅ बाबा सोये,
नया बिछौना दिया उन्हें।
लेकिन अब सोते हैं दोनों
बिन चादर ही उघरे से।
********************
लुटा दिया जीवन स्वर्णिम सा
देख रेख में बच्चों की।
दीन हीन है दशा उन्हीं की
कर्मवीर उन सच्चों की।।
जीवन हुआ श्राप सम उनका
जीते आज अधमरे से।
********************
बोझ हुए हैं मातु-पिता अब,
जिनके कंधों पर थे खेले।
घर में भी स्थान नहीं है
वृद्धा आश्रम दिये धकेले।
ज्ञान वान बनते हैं लेकिन
दिखते वो अधकचरे से।
*********************

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 83 Views
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