गीतिका
जिनमें धैर्य पराक्रम है वे,लोग शिखर चढ़ते हैं।
आपाधापी करने वाले ,बस नीचे गिरते हैं।।1
मातृभूमि की रक्षा के हित ,जो कुर्बानी देते,
उन वीरों की गौरव गाथा,लोग यहाँ पढ़ते हैं।।2
आतंकी पापी की कोई ,उम्र नहीं होती है,
ऐसे लोग सदा कुत्ते की ,मौत मरा करते हैं।।3
भारत माँ के वीर लाड़ले ,तूफानों को झेलें,
कहीं किसी भी कठिनाई से,कभी नहीं डरते हैं।।4
मुश्किल घड़ियों में भी देखो,नहीं एकता कोई,
तू-तू ,मैं-मैं करते नेता ,आपस में लड़ते हैं।।5
वीर जवानों को जब खोते ,पीड़ा भारी होती,
उनको करके याद नयन से ,अश्रु सदा झरते हैं।।6
नहीं शत्रु की चिंता कोई ,उसको निपटा देंगे,
बनकर सर्प विषैले देखो ,अपने ही डसते हैं।।7
डाॅ बिपिन पाण्डेय