Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2024 · 1 min read

गीतिका

गीतिका
बेरहम हैवान बनकर, बेचकर ईमान को,
कोई कैसे काट देता, एक नन्हीं जान को।

दोस्तो, हमने सुना है, ज़्यादती होती बुरी,
चीर देती एक माँ की, हाय भी इंसान को!

फड़फड़ाते जानवर का, एक कतरा आप खा,
आदमी खुश हो रहा है, भेंट कर भगवान को।

देख, बेदर्दी जहां में, कौन है ऐसा ख़ुदा,
ले रहा जो मौन होकर, निर्दयी के दान को ।

मर गईं संवेदनाएँ, चीख में दबकर सभी,
खोजती हैं रूह सारी, खो चुके सामान को।

जगदीश शर्मा सहज

1 Like · 125 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अकल की दुकान
अकल की दुकान
Mukund Patil
बंधन
बंधन
Sanjeev Chandorkar
व्यक्तित्व की दुर्बलता
व्यक्तित्व की दुर्बलता
Dr fauzia Naseem shad
किसी का साथ देना सीखो
किसी का साथ देना सीखो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम की पराकाष्ठा
प्रेम की पराकाष्ठा
Laxmi Narayan Gupta
अपने दिमाग से वह सब कुछ मिटा
अपने दिमाग से वह सब कुछ मिटा
Ranjeet kumar patre
देश की वसुंधरा पुकारती
देश की वसुंधरा पुकारती
कार्तिक नितिन शर्मा
ये गजब की दुनिया है जीते जी आगे बढने नही देते और मरने के बाद
ये गजब की दुनिया है जीते जी आगे बढने नही देते और मरने के बाद
Rj Anand Prajapati
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
विश्व शांति स्थापना में भारत की भूमिका
विश्व शांति स्थापना में भारत की भूमिका
Sudhir srivastava
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
श्रंगार लिखा ना जाता है– शहीदों के प्रति संवेदना।
Abhishek Soni
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जो न चाहे दिल वही अपनाना पड़ता है यहाॅं
जो न चाहे दिल वही अपनाना पड़ता है यहाॅं
Manoj Mahato
ऐसा कभी क्या किया है किसी ने
ऐसा कभी क्या किया है किसी ने
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
अनिल कुमार निश्छल
भक्त औ भगवान का ये साथ प्यारा है।
भक्त औ भगवान का ये साथ प्यारा है।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी तुझे सुलझा लूंगा
जिंदगी तुझे सुलझा लूंगा
Anant Yadav
जिसनै खोया होगा
जिसनै खोया होगा
MSW Sunil SainiCENA
वो  खफा है ना जाने किसी बात पर
वो खफा है ना जाने किसी बात पर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वसीयत
वसीयत
MEENU SHARMA
फिर फिर गलत होने का
फिर फिर गलत होने का
Chitra Bisht
"प्रथम साहित्य सृजेता"
Dr. Kishan tandon kranti
चलो कल चाय पर मुलाक़ात कर लेंगे,
चलो कल चाय पर मुलाक़ात कर लेंगे,
गुप्तरत्न
दुनिया में मैं कुछ कर न सका
दुनिया में मैं कुछ कर न सका
manorath maharaj
भजन: रामचंद्र कह गए सिया से
भजन: रामचंद्र कह गए सिया से
Indu Singh
ऊँचाई .....
ऊँचाई .....
sushil sarna
दोहा छंद
दोहा छंद
Yogmaya Sharma
चन्द्रयान 3
चन्द्रयान 3
डिजेन्द्र कुर्रे
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
मुसाफिरखाना है ये दुनिया
मुसाफिरखाना है ये दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...