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14 Dec 2021 · 2 min read

गीता जयंती

✒️जीवन ?की पाठशाला ?️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन कुरुक्षेत्र में अर्जुन को भगवान कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था। तभी से मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी पर गीता जयंती मनाई जाती है। श्रीमद्भगवद्गीता दुनिया का सबसे श्रेष्ठ ग्रंथ है। इस ग्रंथ का पाठ करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी भी परेशान नहीं हो सकता है। श्रीमद्भगवद्गीता का अनुसरण करने वाले व्यक्ति को मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की –
नैनं छिद्रन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक: ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुत ॥
आत्मा को न शस्त्र काट सकते हैं, न आग उसे जला सकती है। न पानी उसे भिगो सकता है, न हवा उसे सुखा सकती है। अर्थात भगवान कृष्णइश श्लोक में आत्मा को अजर-अमर और शाश्वत कह रहे हैं।

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की –
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे॥
हे भारत (अर्जुन), जब-जब अधर्म में वृद्धि होती है, तब-तब मैं (श्रीकृष्ण) धर्म के अभ्युत्थान के लिए अवतार लेता हूं।
सज्जन पुरुषों के कल्याण के लिए और दुष्कर्मियों के विनाश के लिए और धर्म की स्थापना के लिए मैं (श्रीकृष्ण) युगों-युगों से प्रत्येक युग में जन्म लेता आया हूं।

आखिर में एक ही बात समझ आई की-
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, लेकिन कर्म के फलों में नहीं। इसलिए कर्म करों और फल की चिंता मत करो।

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?आपका दिन शुभ हो ?
?सुप्रभात ?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?

Language: Hindi
Tag: लेख
453 Views
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