गीता केवल ग्रंथ नही
गीता केवल ग्रंथ नहीं
गीता केवल ग्रंथ नहीं ,कर्म पथ का वाहक है,
पवित्रता का आवरण , जीवन का संवाहक है।
जीवन में सफलता पाने हेतु मदद करता हमारी,
गीता में निहित शिक्षा बनती हमारी मार्गदर्शक है।
कर्म,भक्ति,राज,ज्ञान योग से प्रभावित होता मन,
नीयत रखें अच्छी सदा बुराईयों का विनाशक है।
जन्मना मनुज महान नहीं बनता कर्म से बनता वो महान,
फल की अभिलाषा मत रख भाग्य का ना कारक है।
अच्छाई को अपनाकर बुराईयों का त्याग करें सब,
अर्जुन को दिया ज्ञान कृष्ण सृष्टि के परिचायक है।।
डा राजमती पोखरना सुराना