Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Sep 2023 · 2 min read

गिल्ट

साल 2018, जब भैया ने नया फोन दिलाया, मैं बेहद खुश थी । पहली बार एंड्रॉयड फोन जो मिल रहा था । Moto g 5 plus , कैमरा बहुत ही बेहतरीन ऊपर से 64GB मेमोरी । चूंकि प्रकृति को कैमरे में कैद करना मुझे बहुत पसंद है तो कैमरे की क्वालिटी अच्छी होने के कारण इस ‘मोटो’ से बहुत जल्दी ही मेरा लगाव हो गया । लगभग रोज BHU कैंपस के दो चार प्राकृतिक दृश्य उसमें कैद होने लगे और साल 2021 से लखनऊ विश्वविद्यालय के भी । कुछ महीने पहले मेरे फोन का लाॅक बटन खराब हो गया । हालांकि फिंगर प्रिंट से अनलाॅक हो जाता था इसलिए बटन ठीक कराने पर ध्यान नहीं गया । कोशिश रहती थी कि फोन डिस्चार्ज होकर स्वीच ऑफ न होने पाए , नहीं तो बटन ठीक कराना मजबूरी हो जाएगी। परसों रात में देखा फोन की बैटरी केवल 15% थी। थकान के कारण हिम्मत नहीं हुई कि उठ के चार्जिंग पर लगाएं। । सोचा पावर सेवर मोड पर डाल देते हैं , सुबह तक तो चल ही जाएगा । हुआ भी यही , सुबह उठ के देखा तो बैटरी 12% । कुछ देर व्हाटसअप यूज करने के बाद बैटरी बची 7% । उसके बाद जैसे ही फोन चार्जिंग पर लगाया , फोन स्वीच ऑफ हो गया और त्रासदी यह थी कि फोन में चार्जिंग भी नहीं दिखा रहा था । सोचा, हो सकता है बैटरी बिल्कुल ही डिस्चार्ज हो गई हो , इसलिए ऐसा हो रहा । लेकिन अफसोस, घण्टों चार्ज करने के बाद भी फोन में चार्जिंग नहीं दिखा और अंततः हमें यह स्वीकार करना पड़ा कि अपनी लापरवाही के कारण हमने अपना ‘मोटो’ खो दिया।
पूरे दिन अपनी गलती पर पछतावा होता रहा और दिमाग में यही बात घूमती रही कि काश समय को पीछे ले जाके हम अपनी गलती सुधार सकते ।
कभी हमारे बहुत करीबी रिश्ते भी ऐसे ही हमारी अपनी गलती के कारण खत्म हो जाते हैं लेकिन अफसोस , हमें तब गिल्ट फील नहीं होता । एक निर्जीव वस्तु के लिए हम अपनी गलती पर पछता सकते हैं , समय को पीछे ले जा उस गलती को सुधारने की भी सोच सकते हैं । लेकिन एक जीते जागते इंसान को खोकर हम कभी गिल्ट नहीं फील करते । हमारा अभिमान हमें ये इजाज़त ही नहीं देता कि हम अपनी गलती देख सकें । आज की इस मशीनी दुनिया में अगर रिश्तों में भी हम ऐसे ही अपनी गलती देखने लगें और गिल्ट फील करने लगें तो हमारी दुनिया इससे भी हसीन और खूबसूरत हो सकती है ।

Language: Hindi
Tag: लेख
6 Likes · 4 Comments · 211 Views

You may also like these posts

''हम मिलेंगे ''
''हम मिलेंगे ''
Ladduu1023 ladduuuuu
आपसी की दूरियों से गम के पल आ जाएंगे।
आपसी की दूरियों से गम के पल आ जाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
Hey...!!Listen dear...!!
Hey...!!Listen dear...!!
पूर्वार्थ
बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...!
बंद मुट्ठियों को खुलने तो दो...!
singh kunwar sarvendra vikram
मन में
मन में
Rajesh Kumar Kaurav
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
अभिषेक कुमार यादव: एक प्रेरक जीवन गाथा
Abhishek Yadav
तुमको ही चुनना होगा
तुमको ही चुनना होगा
rubichetanshukla 781
चलो...
चलो...
Srishty Bansal
आज़ादी
आज़ादी
MUSKAAN YADAV
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
हर पल ये जिंदगी भी कोई ख़ास नहीं होती।
Phool gufran
आज का ज़माना ऐसा है...
आज का ज़माना ऐसा है...
Ajit Kumar "Karn"
Packers and movers in Jind |Movers and Packers in Jind
Packers and movers in Jind |Movers and Packers in Jind
Hariompackersandmovers
दोस्ती
दोस्ती
Rambali Mishra
*गाते हैं जो गीत तेरे वंदनीय भारत मॉं (घनाक्षरी: सिंह विलोकि
*गाते हैं जो गीत तेरे वंदनीय भारत मॉं (घनाक्षरी: सिंह विलोकि
Ravi Prakash
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
* मन में उभरे हुए हर सवाल जवाब और कही भी नही,,
Vicky Purohit
दिकपाल छंदा धारित गीत
दिकपाल छंदा धारित गीत
Sushila joshi
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
तू कहती रह, मैं सुनता रहूँगा।।
Rituraj shivem verma
जीत सकते थे
जीत सकते थे
Dr fauzia Naseem shad
मेरी कलम से...
मेरी कलम से...
Anand Kumar
सौभाग्य न सब दिन सोता है
सौभाग्य न सब दिन सोता है
Sudhir srivastava
3794.💐 *पूर्णिका* 💐
3794.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तुझसे शिकवा नहीं, शिकायत हम क्या करते।
तुझसे शिकवा नहीं, शिकायत हम क्या करते।
श्याम सांवरा
मकसद ......!
मकसद ......!
Sangeeta Beniwal
जरूरत उसे भी थी
जरूरत उसे भी थी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
सर्वोतम धन प्रेम
सर्वोतम धन प्रेम
अवध किशोर 'अवधू'
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ
Shweta Soni
अगर हो दिल में प्रीत तो,
अगर हो दिल में प्रीत तो,
Priya princess panwar
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
Neeraj Agarwal
प्रेम, अनंत है
प्रेम, अनंत है
हिमांशु Kulshrestha
गीत सजाओगे क्या
गीत सजाओगे क्या
dr rajmati Surana
Loading...