“गिर के हर बार संभल जाते है”
गिर के हर बार संभल जाते है,
अपने हालातों से लड़कर गुजर जाते है।
पर तकलीफ इस बात से है,की
किनारे पर आकर भी हर बार समंदर में उतर जाते है।
गिर के हर बार संभल जाते है,
अपने हालातों से लड़कर गुजर जाते है।
पर तकलीफ इस बात से है,की
किनारे पर आकर भी हर बार समंदर में उतर जाते है।