गाय
” गाय ”
गीत:- ऐ मेरे देश के वासियो सब सुनो
तर्ज़:- मेरे रश्के क़मर…..
ए मेरे देश के वासियों सब सुनो!,
कहते माता जिसे उसको पालो सभी।
बोझ कहकर के उस गैया मैया को तुम,
अपने घर से न हरगिज़ निकालो कभी।। 0 ।।
ऐ मेरे देश के…….
सारी दुनिया में सबसे ही प्यारी है ये,
अपने गुण-धर्म से सबसे न्यारी है ये।
इसलिए इसको एक जानवर मानकर,
अपने घर से नहीं फैंक डालो कभी।। 1 ।।
ऐ मेरे देश के…….
इसमें बतलाते सब देवों का वास है,
इसलिए इसकी महिमा बहुत खास है।
श्रद्धा के संग पालो है पूजा यही,
करके सेवा यहाँ स्वर्ग पा लो सभी।। 2 ।।
ऐ मेरे देश के…….
देश की संस्कृति का ये आधार है,
इसके बिन देश मेरा ये बेकार है।
रक्षा कर इसकी और इसकी संतान की,
अपने भारत को भी तुम बचा लो सभी।। 4 ।।
ऐ मेरे देश के…….
कितने सुन्दर रतन गाय से मिलते हैं,
जिसको खा और पीकर के हम चलते हैं।
दूध, घी और मक्खन सा कुछ भी नहीं,
पालकर गाय इन सबको खा लो सभी।। 5 ।।
ऐ मेरे देश के…….
छाछ पीने से लगता है जन्नत मिली,
खाया गर जो दही हमको ताकत मिली।
फेर कर हाथ इसके बदन पर सदा,
खूब रोगों से खुद को बचा लो सभी।। 6 ।।
ऐ मेरे देश के…….
चंद पैसों की खातिर ना बेचो इसे,
मानकर बोझ बाहर न फेंको इसे।
न कसाई के हाथों में सौंपो इसे,
तुमको देगी दुआ तुम बचा लो सभी।। 7 ।।
ऐ मेरे देश के…….
दर्द से गाय कोई रंभाये नहीं,
काट करके बेचारी को खाये नहीं।
इसलिए इसको पालो अरे हिंदुओं!,
खुद को संतान अच्छी कहा लो सभी।। 8 ।।
ऐ मेरे देश के…….
सिर्फ हिंदू या मुस्लिम की खातिर नहीं,
सबको देती है यह दूध, घी और दही।
माता के जैसा हम सब का पालन करे,
इसको खाओ नहीं बल्कि पालो सभी।। 9 ।।
ऐ मेरे देश के…….
ऋषि दयानंद ने हमको सिखला दिया,
इसका उपयोग क्या है ये बतला दिया।
करती पालन हजारों का एक गाय है,
बात अपने दिलों में बसा लो सभी।। 10 ।।
ऐ मेरे देश के…….
गाय को पाला था मेरे घनश्याम ने,
दूध पीया था इसका श्रीराम ने।
गाय भारत हमारे की जागीर है,
अपनी जागीर “रोहित” बचा लो सभी।। 11 ।।
ऐ मेरे देश के…….
✍️ रोहित