गांधी जयंती..
2 अक्टूबर को जयंती दिवस
इस दिन होता राष्ट्रीय का अवकाश
राष्ट्रपिता हो तुम तुम पर
कुछ शब्दों में कैसे लिख दूँ
संघर्ष तुम्हारा बेशुमार ।
जब-जब याद करूं मैं नर तुम्हारे
करो या मरो या हो भारत छोड़ो
मन में भर जाता उत्साह अपार
तुमने कहा जहां प्रेम है वहां जीवन है
राष्ट्रपिता हो तुम तुम पर
कुछ शब्दों में कैसे लिख दूँ
संघर्ष तुम्हारा बेशुमार ।
तुम सत्य ही कहते हो
भगवान का कोई धर्म नहीं
जहां पवित्रता है वही निर्भयता है
अहिंसा परमो धर्म तुम कहते हो
राष्ट्रपिता हो तुम तुम पर
कुछ शब्दों में कैसे लिख दूँ
संघर्ष तुम्हारा बेशुमार।
हरमिंदर कौर अमरोहा