गाँव है मेरा कोलू
ऑर्डर के लिए मैं ना बोलू,
गाँव है मेरा प्यारा कोलू।
यहाँ की मिट्टी, यहाँ की खुशबू,
धंधा किया है अभी-अभी चालू।
झटपट आओ, देरी ना करो,
मनचाही चीज़, सब यहाँ भरो।
सादगी का स्वाद, अपनापन यहाँ,
क्या पता छूट भी दे डालू मैं वहाँ।
छोटा सा सपना, बड़ा इरादा,
मेहनत से मैंने सजाया ये वादा।
ग्राहक बनकर बस आओ हमारे,
खुशियों के फूल खिलें तुम्हारे।
गाँव की गली, अपनापन दिखाए,
हर कोने में बस सच्चाई पाए।
जो भी चाहिए, माँग लो यहीं,
हमारी दुकान है हर दिल के पास कहीं।
तो जल्दी करो, मौका मत गँवाओ,
गाँव की मिठास को अपने घर लाओ।
नाम है मेरा संतोष माड़साब,गांव है मेरा कोलू ,
धंधा किया है अभी-अभी चालू।
✍️ अनोप भाम्बु