गाँव की सुंदरता
हरियाली यह गाँव की, देती बहुत सुकून।
मन प्रसन्नता से भरे , दिल में खिले प्रसून।।
सुनकर चिड़ियों की चहक, सब जाता मैं भूल।
कितनी सुंदर प्रकृति हैं, खिले चहुँओर फूल।।
जब घर की मुंडेर पर , बोले काला काग।
काँव काँव सुनकर लगे , जैसे सुंदर राग।।
यादें मेरे गाँव की, देती हैं आनंद।
सुबह शाम की लालिमा, बने देखकर छंद।।