Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2024 · 1 min read

ग़ज़ल __बुलबुलें खुश बहार आने से ।

गज़ल
1,,
बुलबुलें खुश बहार आने से ,
बाग महका है गुल खिलाने से ।
2,,
आंख जब देखती हो हरियाली ,
नूर आता नज़र मिलाने से ।
3,,,
चांद अपने उरूज पर आया ,
रौशनी देख आशियाने से ।
4,,,
लुट रही है जहान की दौलत ,
क्या मिली है तुम्हें भी जाने से ।
5,,,
लौट आओ कि याद आती है,
तुम को देखा नहीं ज़माने से ।
6,,,
दोस्तों तुम अज़ीज़ हो मुझको ,
साथ छोड़ें न हम, छुड़ाने से ।
7,,,
‘नील’ खामोश क्यूँ हुई हो तुम,
प्यार मिलता है मुस्कुराने से ।

✍नील रूहानी ,,05/10/2024,,,
( नीलोफ़र खान )

1 Like · 50 Views

You may also like these posts

दो इंसानों के बीच यदि किसी मतभेद के कारण दूरियां बनी हो और आ
दो इंसानों के बीच यदि किसी मतभेद के कारण दूरियां बनी हो और आ
shubham saroj
शब्दों की मिठास से करें परहेज
शब्दों की मिठास से करें परहेज
Chitra Bisht
मुझ जैसे शख़्स को दिल दे बैठी हो,
मुझ जैसे शख़्स को दिल दे बैठी हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खुद
खुद
Swami Ganganiya
गुलिस्तान के फूल
गुलिस्तान के फूल
शिवम राव मणि
रात
रात
पूर्वार्थ
सुनो जीजी
सुनो जीजी
MEENU SHARMA
हृदय की बेचैनी
हृदय की बेचैनी
Anamika Tiwari 'annpurna '
#नवजीवन
#नवजीवन
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Life is not a cubic polynomial having three distinct roots w
Life is not a cubic polynomial having three distinct roots w
Ankita Patel
🤣🤣😂😂😀😀
🤣🤣😂😂😀😀
Dr Archana Gupta
"वो अकेली घड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
वो बदल रहे हैं।
वो बदल रहे हैं।
Taj Mohammad
কিছুই না
কিছুই না
Otteri Selvakumar
कोहरा
कोहरा
Suneel Pushkarna
वैदिक विवाह
वैदिक विवाह
Dr. Vaishali Verma
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
आ गई रंग रंगीली, पंचमी आ गई रंग रंगीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आग पानी में लगाते क्यूँ हो
आग पानी में लगाते क्यूँ हो
Shweta Soni
प्रेम का उत्तर
प्रेम का उत्तर
Rahul Singh
मेरी सखी चाय रानी
मेरी सखी चाय रानी
Seema gupta,Alwar
श्री राम
श्री राम
Rajesh Kumar Kaurav
पुस्तक समीक्षा- उपन्यास विपश्यना ( डॉ इंदिरा दांगी)
पुस्तक समीक्षा- उपन्यास विपश्यना ( डॉ इंदिरा दांगी)
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सात फेरे
सात फेरे
Manisha Bhardwaj
#आज_की_बात
#आज_की_बात
*प्रणय*
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
4967.*पूर्णिका*
4967.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हे सर्वस्व सुखद वर दाता
हे सर्वस्व सुखद वर दाता
Bharti Das
!! वो बचपन !!
!! वो बचपन !!
Akash Yadav
#उम्र#
#उम्र#
Madhavi Srivastava
*कुत्ते चढ़ते गोद में, मानो प्रिय का साथ (कुंडलिया)*
*कुत्ते चढ़ते गोद में, मानो प्रिय का साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...