Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2024 · 1 min read

ग़ज़ल _ सयासत की हवेली पर ।

ग़ज़ल
दिनाँक- 14/06/2024
बह्र -1222 1222 1222 1222
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
💕गज़ल💕
1…
सयासत की हवेली पर खड़ा गद्दार देखा है !
भरोसा कर नहीं सकते बड़ा मक्कार देखा है !!💕
2…
गरीबों की चिताओं की खबर कोई नहीं लेता !
सिंहासन की प्रशंसा में रँगा अखबार देखा है !!💕
3….
बहुत नादान साक़ी है पिलाता है न पीता है!
नज़र रखता है नीची वो मगर इज़हार देखा है !!💕
4….
खुशी लेकर गयी थी वो नहाने को नदी गंगा !
जहाँ डूबी, नहीं आयी वहीं मझधार देखा है !!💕
5….
मुसीबत बोल के आती नहीं सब जानते हैं ये !
सभी साधन से घर भरपूर भी लाचार देखा है !!💕
6….
लड़ाई भी नहीं करते न झगड़े ही कभी होते!
मुहब्बत से सभी रहते, वही परिवार देखा है !!💕
7….
तेरी सूरत नज़र में हो नज़र कुछ भी नहीं आता !
गज़ल पूरी नहीं है ‘नील’ एक अशआर देखा है !!💕

✍नील रूहानी ,,12/06/22,,,,,🌹
⚘ ( नीलोफर खान),,,,💖

2 Likes · 78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
कवि दीपक बवेजा
फूल बन खुशबू बिखेरो तो कोई बात बने
फूल बन खुशबू बिखेरो तो कोई बात बने
इंजी. संजय श्रीवास्तव
sp130 पुरस्कार सम्मान
sp130 पुरस्कार सम्मान
Manoj Shrivastava
#futuretechinnovative
#futuretechinnovative
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है।
लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है।
Sanjay ' शून्य'
वेला
वेला
Sangeeta Beniwal
महिला शक्ति
महिला शक्ति
कार्तिक नितिन शर्मा
मिट्टी से मिट्टी तक का सफ़र
मिट्टी से मिट्टी तक का सफ़र
Rekha khichi
आजकल के परिवारिक माहौल
आजकल के परिवारिक माहौल
पूर्वार्थ
इक तमन्ना थी
इक तमन्ना थी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तुम कहते हो कि ज़माना अच्छा नहीं
तुम कहते हो कि ज़माना अच्छा नहीं
Jyoti Roshni
मां जैसा ज्ञान देते
मां जैसा ज्ञान देते
Harminder Kaur
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 5 अप्रैल
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ: दैनिक समीक्षा* दिनांक 5 अप्रैल
Ravi Prakash
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पिता
पिता
Swami Ganganiya
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
3330.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3330.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
नारी शक्ति वंदन
नारी शक्ति वंदन
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
"सोचता हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
Shweta Soni
*** अहसास...!!! ***
*** अहसास...!!! ***
VEDANTA PATEL
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
◆हरे-भरे रहने के लिए ज़रूरी है जड़ से जुड़े रहना।
*प्रणय*
झाड़ू अउरी बेलन
झाड़ू अउरी बेलन
आकाश महेशपुरी
काया   की   प्राचीर  में,
काया की प्राचीर में,
sushil sarna
मैं भारत हूं मैं, भारत हूं मैं भारत हूं मैं भारत हूं।
मैं भारत हूं मैं, भारत हूं मैं भारत हूं मैं भारत हूं।
अनुराग दीक्षित
पढ़-लिखकर जो बड़ा बन जाते हैं,
पढ़-लिखकर जो बड़ा बन जाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
किसी भी चीज़ की ख़ातिर गँवा मत आज को देना
किसी भी चीज़ की ख़ातिर गँवा मत आज को देना
आर.एस. 'प्रीतम'
राजकुमारी कार्विका
राजकुमारी कार्विका
Anil chobisa
जिसके हर खेल निराले हैं
जिसके हर खेल निराले हैं
Monika Arora
तिरस्कार के बीज
तिरस्कार के बीज
RAMESH SHARMA
Loading...