ग़ज़ल _ दिल मचलता रहा है धड़कन से !
आदाब दोस्तों 🌹🥰
दिनांक,,,07/07/2024,,,,
बह्र….2122 – 1212 -22,,,
काफ़िया …अन,,,,// रदीफ़…से,,,,
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# गज़ल #
1,,,
दिल मचलता रहा है धड़कन से !
काम करता रहा वो तन मन से !!
2,,,
इश्क़ ऐसे लिपट गया यारा !
सर्प लिपटे हो जैसे चन्दन से !!
3,,,,
होश की तुम ज़रा दवा कर लो!
चोट पाओ न तुम भी बन्धन से !!
4,,,
देखकर माल को खरीदो तुम !
खोट खाना कभी न कुन्दन से !!
5,,,
लाड़ देती वही हमें तन्हा !
प्यार करती हूँ , माँ से बचपन से !
6,,,
रात दिन ख्वाब आते जाते हैं !
खोने लगते हैं क्यूं ये अनबन से !!
7,,
‘नील’ महलों की जब बनी रानी !
देखते रह गए , सभी मन से !!
✍नील रूहानी ,,07/07/2024🍁,,
( नीलोफर खान ),,,,,🍁