Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2024 · 1 min read

ग़ज़ल _ ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ।

आदाब दोस्तों,,,,
बह्र _ 212 212 212 212
फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
ग़ज़ल
1,,,
ज़िंदगी भर सभी से अदावत रही ,
बात ही बात में, बस शराफ़त रही ।
2,,,
मिल गए जब तो, जैसे जुदा ही न थे ,
नाम भर को ही , उनसे ये उल्फ़त रही ।
3,,,,
दूरियाँ दरमियां बढ़ गई इस क़दर,
लोग समझे कि हम में, मसर्रत रही ।
4,,,,
बेकली , बेबसी , ने उसे चुप किया ,
जब अधूरी किसी की, मुहब्बत रही ।
5,,,,
शायरी ने सहारा , दिया उसको था ,
भूल बैठा गमों को , ज़हानत रही ।
6,,,
यूँ तो ख़ामोश थे , हम इधर वो उधर ,
हां ,दिलों में मगर , इक क़यामत रही ।
7,,,,
आशिक़ी इश्क़ की इक डगर जान लो,
आजिज़ी ‘नील’ की बस नियामत रही ।

✍️ नील रूहानी , 05/07/2024,,,
( नीलोफर खान )

1 Like · 65 Views

You may also like these posts

कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
रोला छंद
रोला छंद
sushil sarna
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
3860.💐 *पूर्णिका* 💐
3860.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
दुवाओं का असर इतना...
दुवाओं का असर इतना...
आर.एस. 'प्रीतम'
निर्णय
निर्णय
indu parashar
अगर ख़ुदा बनते पत्थर को तराश के
अगर ख़ुदा बनते पत्थर को तराश के
Meenakshi Masoom
दिल हमारा गुनहगार नही है
दिल हमारा गुनहगार नही है
Harinarayan Tanha
*निर्मित प्रभु ने कर दिया, धरा और आकाश (कुंडलिया)*
*निर्मित प्रभु ने कर दिया, धरा और आकाश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तेरी पनाह.....!
तेरी पनाह.....!
VEDANTA PATEL
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
*कलम उनकी भी गाथा लिख*
Mukta Rashmi
"समय जब अपने पर उतरता है
Mukul Koushik
ख़ूबसूरती का असली सौंदर्य व्यक्ति की आत्मा के साथ होता है, न
ख़ूबसूरती का असली सौंदर्य व्यक्ति की आत्मा के साथ होता है, न
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
■ शुभ देवोत्थान
■ शुभ देवोत्थान
*प्रणय*
पुराना कुछ भूलने के लिए
पुराना कुछ भूलने के लिए
पूर्वार्थ
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अधूरी ख्वाहिशें
अधूरी ख्वाहिशें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
तुम्हारा हो
तुम्हारा हो
Deepesh Dwivedi
इतिहास ना दोहराओ
इतिहास ना दोहराओ
Nitu Sah
आत्ममुग्धता अर्थात् आत्महत्या
आत्ममुग्धता अर्थात् आत्महत्या
Sonam Puneet Dubey
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खबरदार होना चाहिए
खबरदार होना चाहिए
Ghanshyam Poddar
कुछ लिखूँ ....!!!
कुछ लिखूँ ....!!!
Kanchan Khanna
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
मतवाला मन
मतवाला मन
Dr. Rajeev Jain
इंतजार
इंतजार
शिवम राव मणि
"मेरे अल्फ़ाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
ये दो बूंद अश्रु मेरे.....
ये दो बूंद अश्रु मेरे.....
पं अंजू पांडेय अश्रु
हँसते गाते हुए
हँसते गाते हुए
Shweta Soni
Loading...