ग़ज़ल _ इस जहां में आप जैसा ।
दिनांक -25/06/2023
बह्र _ 2122 2122 2122 212
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
#गज़ल
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1,,,
इस जहाँ में आप जैसा, फिर कहीं देखा नहीं ,
इसलिये तो आपका , दुनिया में भी साया नहीं ।
2,,,
डर तो लगता है उसे लेकिन वो घबराता नहीं ,
सामने आता नहीं, कोई भी टकराता नहीं ।
3,,,
आपका ही अक्स है ये, खानदानी शख्स है ,
खूबसूरत है मगर ये , आप सा प्यारा नहीं ।
4,,,
कोशिशें रहती हमेशा ,सीखना है आपसे,
ठोकरें खायीं बहुत सी , फिर भी मैं हारा नहीं ।
5,,,
हैं दुआएं , सच्चे मोती सी मेरी तक़दीर में ,
लोग कहते जिसको रहबर मैं वही दाना नहीं ।
6,,,
लाख समझाया न माना , देखिये मज़दूर को ,
बैठा हैं हड़ताल पर, कोई मगर सुनता नहीं ।
7,,,
दर्द सह कर जी न पायी ,’नील’ टूटी इस क़दर ,
छोड़ आयी उस जहाँ को, जिनसे अब रिश्ता नहीं ।
✍नील रूहानी…..,25/06/2024,,
( नीलोफ़र खान )