ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
आदाब दोस्तों ,,,🙏🌹
बह्र ….221- 1222 – 221 – 1222
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🍁 ग़ज़ल 🍁
1,,,
अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
जो राह में सोते हैं ,घर बार दिया जाये !!
2,,,
तू जान पे क़ादिर है , हर शय पे हुकूमत है !
आबाद मुझे कर दे ,दुश्मन से मिला जाये !!
3,,,
अल्लाह, मेरी आंखों को नूर अता कर दे !
जो चांद से महंगा हो औ तारे दिखा जाये !!
4,,,
नफ़रत न करे कोई , हर ओर मुहब्बत हो !
खुशबू से महकते वो,फरहत से मिला जाये !!
5,,,
दरबार बुलाकर तुम, तक़दीर जगाओ तुम !
या रब ये दुआ सुन ले,मक्का में चला जाये !!
✍नील रूहानी,,,12/07/22,,🍁,
( नीलोफ़र खान ) 💖