Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

ग़ज़ल = ( 10 )
बह्र __ 1222-1222-122
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन फ़ऊलुन
काफ़िया _ आएं // रदीफ़ _ गैर मुरद्दफ़
********************************
ग़ज़ल
1,,,
नयन आपस में , मिल कर मुस्कुराएं,
खुशी के पल , तुम्हें हर पल रिझाएं ।
2,,,
अजी महफ़िल में हम सबको बुलाएं,
मिठाई सब के सँग, खुद को खिलाएं ।
3,,,
सदा घर में रहेगी , बादशाहत ,
सहन में गुल ,कभी ऐसे खिलाएं ।
4,,,
दिलों में नूर जैसी , रौशनी हो ,
खुशी घर भर को अपनी यूं सुनाएं ।
5,,,
चमन वीरां न होगा फिर कभी ये ,
दुआएँ दे रही हैं ये फिज़ाएं ।
6,,,
करें कुछ बात यारों से नई सी ,
उन्हें भी आज दिल भर कर हँसाएं ।
7,,,
लगे जब आप को दुश्वारियां सी ,
शराफ़त “नील” की ,बस देख आएं ।

✍️नील रूहानी ,, 18/04/2024,,,,🥰
( नीलोफर खान, स्वरचित )

1 Like · 1 Comment · 68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इश्क बेहिसाब कीजिए
इश्क बेहिसाब कीजिए
साहित्य गौरव
उदास देख कर मुझको उदास रहने लगे।
उदास देख कर मुझको उदास रहने लगे।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
🙅आज का सवाल🙅
🙅आज का सवाल🙅
*प्रणय*
गीत
गीत
Shiva Awasthi
,,,,,
,,,,,
शेखर सिंह
मेरे पिता क्या है ?
मेरे पिता क्या है ?
रुपेश कुमार
शालिग्राम तुलसी कहलाई हूँ
शालिग्राम तुलसी कहलाई हूँ
Pratibha Pandey
फर्जी
फर्जी
Sanjay ' शून्य'
" दर्द "
Dr. Kishan tandon kranti
*माँ शारदे वन्दना
*माँ शारदे वन्दना
संजय कुमार संजू
जब भर पाया ही नहीं, उनका खाली पेट ।
जब भर पाया ही नहीं, उनका खाली पेट ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
Rj Anand Prajapati
*डॉक्टर किशोरी लाल: एक मुलाकात*
*डॉक्टर किशोरी लाल: एक मुलाकात*
Ravi Prakash
Today's Thought
Today's Thought
DR ARUN KUMAR SHASTRI
In present,
In present,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
हमारी प्यारी मां
हमारी प्यारी मां
Shriyansh Gupta
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
Shubham Pandey (S P)
3711.💐 *पूर्णिका* 💐
3711.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
मन मेरा गाँव गाँव न होना मुझे शहर
Rekha Drolia
दोहा ग़ज़ल
दोहा ग़ज़ल
Mahendra Narayan
मन  के  दरवाजे पर  दस्तक  देकर  चला  गया।
मन के दरवाजे पर दस्तक देकर चला गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कर्म की भावना बरकरार रखो,
कर्म की भावना बरकरार रखो,
Ajit Kumar "Karn"
विश्व कप लाना फिर एक बार, अग्रिम तुम्हें बधाई है
विश्व कप लाना फिर एक बार, अग्रिम तुम्हें बधाई है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
. *विरोध*
. *विरोध*
Rashmi Sanjay
खुश रहें, सकारात्मक रहें, जीवन की उन्नति के लिए रचनात्मक रहे
खुश रहें, सकारात्मक रहें, जीवन की उन्नति के लिए रचनात्मक रहे
PRADYUMNA AROTHIYA
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
खुद के हाथ में पत्थर,दिल शीशे की दीवार है।
Priya princess panwar
प्यार जताना नहीं आता मुझे
प्यार जताना नहीं आता मुझे
MEENU SHARMA
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
हर किसी की खुशियाँ
हर किसी की खुशियाँ
Chitra Bisht
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
मुझे पढ़ना आता हैं और उसे आंखो से जताना आता हैं,
पूर्वार्थ
Loading...