ग़ज़ल
ग़ज़ल = ( 5 )
बह्र __ 2122 2122 212
फ़ाइलातुन,फ़ाइलातुन,फ़ाइलुन
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ग़ज़ल
1,,
इश्क़ की चादर को , उड़ता देखना ,
आज शब को, दिल भी अपना देखना ।मतला
2,,
आसमां पर जब , सितारा देखना ,
चांद की धड़कन को , बढ़ता देखना । हुस्न ए मतला
3,,
झुक गईं नजरें ,दिखे महबूब जब ,
शबनमी आँखों का पर्दा , देखना ।
4,,
गुल खिले चारों तरफ़ , खुशबू उड़ी ,
धूप में भी , बाग़ महका , देखना ।
5,,
बात करते करते खोई , याद में ,
टूट कर बिखरी जो , रोना देखना ।
6,,
साज़ था, आवाज़ थी भोली बहुत ,
गीत गज़लें , गुनगुनाना , देखना ।
7,,
आइए इक पल को ,आ भी जाइए,
मेरी नज़रों से , नज़ारा देखना ।
8,,
चांद हो , पुरवाई हो चारों तरफ़ ,
“नील” को दिलबर , सुलगता देखना ।
✍️ नील रूहानी ,,, 13/02/2024,,,,,,
( नीलोफर खान,, स्वरचित )