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7 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल

ग़ज़ल

जब भी किसी से प्यार होता है
हाॅं में छिपा झूठा इंकार होता है।

चाहत का आलम इस कदर….
अनदेखा करते इंतजार होता है।

ख़ुद पर यकीन हो ना हो मगर
दिलबर पर पूरा ऐतबार होता है।

रह सके ना इक नज़र देखें बिना
दीवाना दिल बेकरार होता है।

दौलत- शौहरत,रंग रूप नहीं
इश्क़ अनमोल उपहार होता है।

खिलौनों की तरह तोड़ते दिल
सितमगर वही नागवार होता है।

ज़माने की बंदिश में दिलजला
“योगी” बेबस वो लाचार होता है।

योगमाया शर्मा
कोटा राजस्थान

Language: Hindi
72 Views

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